पंथनिरपेक्षता खतरे में है: एम के नारायणन

कोलकाता, : पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन ने मंगलवार को कहा कि संविधान में निहित पंथनिरपेक्षता खतरे में है।

उन्होंने कहा कि विकास और लोकतंत्र में से एक चुनना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि विकास का अर्थ लोकतांत्रिक अधिकारों और उदारवादी मूल्यों का दमन करना नहीं है।

संविधान दिवस के अवसर पर पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे संविधान में निहित कई अन्य सिद्धांतों की भांति आज के हालात में पंथनिरपेक्षता खतरे में है। बहुलतावाद भी खतरे में है।”

उन्होंने देश के संघीय ढांचे को मजबूत करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विचार का भी समर्थन किया।

नारायणन ने कहा कि राज्य केंद्र के अधीन नहीं हैं क्योंकि दोनों की शंक्तियां संविधान में निहित हैं।


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