कोलकाता, : पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन ने मंगलवार को कहा कि संविधान में निहित पंथनिरपेक्षता खतरे में है।
उन्होंने कहा कि विकास और लोकतंत्र में से एक चुनना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि विकास का अर्थ लोकतांत्रिक अधिकारों और उदारवादी मूल्यों का दमन करना नहीं है।
संविधान दिवस के अवसर पर पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे संविधान में निहित कई अन्य सिद्धांतों की भांति आज के हालात में पंथनिरपेक्षता खतरे में है। बहुलतावाद भी खतरे में है।”
उन्होंने देश के संघीय ढांचे को मजबूत करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विचार का भी समर्थन किया।
नारायणन ने कहा कि राज्य केंद्र के अधीन नहीं हैं क्योंकि दोनों की शंक्तियां संविधान में निहित हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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