जयपुर: इसी साल पहले यूपी फिर राजस्थान व आज बिहार न्यायीक सेवा के आये परिणाम मे मुस्लिम बेटियों द्वारा सफलता के झंडे गाड कर जज बनने की खबर पाकर मुम्बई मुकीम व सीकर निवासी ऐक्सीलेंस फाऊंडेशन के चेयरमैन वाहिद चोहान का दिल बाग बाग होता नजर आया। चोहान ने कहा कि दक्षिणी भारत मे शिक्षा का स्तर काफी ऊंचा पहले से था लेकिन अब हिंदी भाषी प्रदेशो मे भी गलर्स ऐजुकेशन के प्रति आई जाग्रति का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश न्यायीक सेवा मे कुल 38 मुस्लिम कण्डीडेट ने सफलता का परचम लहराया उनमे 18 बेटीया शामिल है। इसी तरह इसी महिने राजस्थान न्यायीक सेवा के आये परिणाम मे छ मुस्लिम कण्डीडेट सफल हुये उन छ मे पांच बेटीया है। इसके अतिरिक्त आज बिहार न्यायीक सेवा के आये परिणाम मे कुल बाईस मुस्लिम कण्डीडेट सफल हुये उनमे भी सात बेटीया शामिल है।
भारत के दक्षिणी हिस्से मे मुस्लिम शेक्षणिक स्तर ठीक ठाक चला आ रहा है। लेकिन हिन्दी भाषी क्षेत्र मे समुदाय को शेक्षणिक तौर पर पीछड़ा माना जाता रहा है। उसमे भी महिला शिक्षा मे तो समुदाय का मुकाम काफी निम्न समझा जाता रहा है। अपने जीवन भर के कमाये सरमाये का अधीकांश हिस्सा सीकर मे ऐक्सीलेंस गलर्स स्कूल व कालेज कायम कर क्षेत्र मे गलर्स ऐजुकेशन को ऊंचाइयों पर ले जाने के अथक प्रयास मे लगे वाहिद चोहान ने बताया कि समुदाय ने एक मत से मान लिया है कि समुदाय को तरक्की की राह पर ले जाने के लिये मां व बहन का आला तालीम याफ्ता होनी सख्त जरुरी है। इस समझ को जेहन मे बैठाकर उन सहित अनेक लोग भारत मे अब गलर्स ऐजुकेशन के लिये काम कर रहे है। उस काम की सफलता की बानगी हाल ही आये परिणाम मे बिहार न्यायीक सेवा मे सनम हय्यात ने दसवीं रेंक व राजस्थान न्यायीक सेवा मे सानिया गोरी ने तीसवीं रेंक पाकर दिखा दिया है।
कुल मिलाकर यह है कि सीकर मे सर सय्यद अहमद खां के नाम से विख्यात ऐक्सीलेंस फाऊंडेशन के चैयरमेन वाहिद चोहान से पहले यूपी व राजस्थान के बाद आज बिहार न्यायीक सेवा के आये परिणाम मे मुस्लिम बेटियों के सफलता पाकर जज बनने पर बात करने पर वो काफी खुश नजर आये। उन्होंने दोहराया की मुस्लिम बेटीया अशिक्षा के कलंक से समुदाय को पाक करते हुये अब हर फिल्ड मे बेटीया तरक्की व सफलता का परचम लहराती नजर आयेगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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