कटिहार, : बिहार के कटिहार जिला में कथित तौर पर रंगदारी देने से इनकार करने पर एक मवेशी कारोबारी के एक कर्मी की सोमवार की देर शाम पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।
कटिहार सदर अनुमंडल पुलिस अधिकारी अनिल कुमार ने मंगलवार को बताया कि मृतक का नाम मोहम्मद जमाल (30) है।
उन्होंने हत्या के पीछे व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा होने की आशंका व्यक्त करते हुए बताया कि मृतक के परिजन रंगदारी की मांग किए जाने बात कर रहे हैं।
अनिल ने बताया कि इस सिलसिले में सागर यादव और उनके तीन पुत्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि हत्या के विरोध में स्थानीय लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 31 कटिहार- गेड़ाबाड़ी मार्ग पर आगजनी करने के साथ करीब तीन घंटे तक जाम किए रखा। सड़क जाम करने वाले मृतक मजदूर के परिजन को 25 लाख रूपये मुआवजा के तौर पर दिये जाने और अविलंब मामला दर्ज कर दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
अनिल ने बताया कि पुलिस और प्रशासन के प्रयास से मामला शांत हुआ और सड़क जाम खत्म होने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया।
मुफस्सिल थाना क्षेत्र निवासी जमाल अपने भाई कमाल और एक अन्य व्यक्ति के साथ सोमवार की देर शाम 18 मवेशी को लेकर जा रहे थे तभी लाभा पुल के समीप सागर यादव और उनके तीन पुत्रों ने उन्हें घेर लिया और रंगदारी की मांग की जिससे इनकार करने पर उन्होंने लाठी, डंडे से उनकी बुरी तरह पिटाई करने के साथ उनके मवेशी को अपने कब्जे में ले लिया।
मोहम्मद जमाल के भाई कमाल एवं एक अन्य सहयोगी किसी प्रकार वहां से भाग निकले पर सागर यादव और उनके पुत्रों ने जमाल की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
अनिल ने बताया कि जमाल द्वारा ले जाए जा रहे 18 मवेशियों में से 13 को बरामद कर लिया गया है तथा फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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