ममता बनर्जी ने अयोध्या फैसले पर प्रतिक्रिया करने से परहेज किया

कोलकाता, :  पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उच्चतम न्यायालय के अयोध्या संबंधी फैसले के छह दिन बाद गुरुवार को इस पर यह कहते हुए कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इनकार किया कि वह चक्रवात 'बुलबुल' के बाद राहत कार्यों में व्यस्त हैं।

न्यायालय ने अयोध्या मुद्दे पर नौ नवंबर को अपना निर्णय सुनाया था, लेकिन पश्चिम बंगाल में बनर्जी सहित तृणमूल कांग्रेस के किसी भी नेता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की है।

बनर्जी ने प्रशासनिक समीक्षा बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ''मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती क्योंकि यह एक सरकारी बैठक है और मैं चक्रवात के बाद राहत कार्यों में काफी व्यस्त हूं।''

चक्रवात पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपाड़ा के बीच शनिवार को टकराया था। इसकी वजह से छह लाख लोग प्रभावित हुए हैं और पांच लाख से अधिक मकान नष्ट हुए हैं। इसमें कुल 14 लोगों की जान गई है।

तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से ''सख्त निर्देश है'' कि फैसले पर एक शब्द भी न बोला जाए।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार को कहा था, ''हमें इस मुद्दे पर बोलने से मना किया गया है। यदि आवश्यकता हुई तो केवल हमारी पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी इस पर बोलेंगी। या फिर वह व्यक्ति बोलेगा जिसे उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) कहा हो।''

भाजपा और कांग्रेस ने अयोध्या पर शीर्ष अदालत के ऐतिहासिक निर्णय पर तृणमूल कांग्रेस की चुप्पी पर तीखी प्रतिक्रिया की थी।

पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाए और कहा कि बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी हमेशा तब चुप्पी साध लेती है जब राष्ट्रीय और सामाजिक हित के मुद्दों पर रुख अपनाने की आवश्यकता होती है।


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