मुंबई, : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार 17 नवंबर को दिल्ली में मुलाकात कर सकते हैं और महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना से गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और राकांपा शिवसेना के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) बनाने पर काम करेंगे जिसपर सोनिया गांधी और शरद पवार की बैठक के दौरान चर्चा होगी।
बहरहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे दोनों नेताओं से मिलेंगे या नहीं।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस और राकांपा की 10 सदस्यीय समन्वय समिति की बैठक बुधवार को सीएमपी पर प्राथमिक चर्चा के लिए हुई।
सूत्रों ने बताया कि समन्वय समिति में लिए गए फैसले के तहत महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट और राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने गुरुवार सुबह ठाकरे से मुलाकात की।
उन्होंने बताया, ''उन्होंने (थोराट और पाटिल) ने ठाकरे के साथ प्राथमिक चर्चा की। अब तीनों पार्टियों के राज्य नेता गुरुवार को दोबारा मिलेंगे और न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाएंगे जिसे मंजूरी के लिए तीनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं को भेजा जाएगा।''
उल्लेखनीय है कि भाजपा और शिवसेना ने 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में साथ लड़ा था और क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की थी जो 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत से अधिक है। ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की शिवसेना की मांग पर सहमति नहीं बनी और भाजपा ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया। दूसरी और तीसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना और राकांपा ने भी बाद में कहा कि वह सरकार बनाने का तत्काल दावा नहीं करेगी। इसके बाद मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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