लाड़ प्यार में पता ही नहीं चला बेटी जन्म से अंधी सात माह की होने पर गौर किया तो टूटा माँ बाप पर मुसीबतों का पहाड़ डॉक्टरों ने बताया मर्ज को ला इलाज


अमरोहा। इसे कुदरत का मजाक कहें या कर्मों का फल। कहते हैं जब परेशानी आती है तो किसी से कह कर नहीं आती। नगर के आवास विकास दो में रहने वाले सरदार संजीव सिंह व उनकी पत्नी अनुराधा कौर के साथ शायद कुदरत ने कुछ ऐसा ही मजाक किया है। शायद उनके भाग्य में कुछ ऐसा ही लिखा था।

लगभग सोलह साल पहले गजरौला के गांव अटारी मुरीद से आवास विकास दो में रहने आये सरदार संजीव सिंह व उनकी पत्नी अनुराधा कौर की कुछ ऐसी ही कहानी है। दोनों ही शिक्षक है। सरदार संजीव सिंह हसनपुर के गांव बसेरा खुर्द में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक है। जबकि उनकी पत्नी हसनपुर के गांव घरौठ के ईडन कान्वेंट स्कूल में प्राइवेट टीचर है। शादी के चार साल बाद कई धार्मिक स्थलों में माथा टेकने और पूजा पाठ व ब्रत रखने के बाद एक बड़े ऑपरेशन से उनके एक सतमासी बेटा पैदा हुआ। वह पैदाइश के कई साल बाद तक बीमार रहा। आज वह बारह वर्ष का है। उसका नाम अंशदीप है। दूसरे बच्चे की चाहत में आज से सात माह पहले बहुत पूजा-पाठ और कई धार्मिक स्थलों में माथा टेकने के बाद बिजनौर के हॉस्पिटल में बड़े ऑपरेशन से साढ़े छ माह की एक बेटी पैदा हुई। वह काफी कमजोर थी। काफी दिनों तक आईसीयू में मशीन में रखी रही। बच्ची के स्वस्थ होने पर मां-बाप उसको अपने घर ले आये। बड़े लाड प्यार के साथ उसका पालन पोषण करने लगे। भाई भी अपनी बहन को पाकर काफी खुश रहने लगा। माँ बाप के लाड़ प्यार के साथ बच्ची बड़ी होने लगी। मां बाप ने प्यार के साथ बेटी का नाम हरदीप कौर रखा। बच्ची बड़ी गौर के साथ उनकी बातें सुनती। स्पर्श करने पर उनकी उंगली पकड़ लेती थी। लेकिन कभी मां बाप इस बात पर गौर नहीं किया कि बेटी शरीर को स्पर्श करने पर उनके उंगली पकड़ लेती है। लेकिन ऊपर से कोई खिलौना या अंगुली दिखाने पर वह उसे नहीं पकड़ती है। सप्ताह भर पहले मां बाप ने एक खिलौना अपनी बेटी के हाथ में ऊपर से देना चाहा तो उसने खिलौना नहीं पकड़ा। जब उन्होंने खिलौना उसके शरीर से स्पर्श किया तो उसने पकड़ लिया। मां बाप ने गौर किया कि उनकी बेटी सुन तो सकती है। लेकिन देख नहीं सकती तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। वह अपनी बेटी  को लेकर दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद बताया कि उनकी बेटी जन्मजात अंधी है। और उसकी आंखों के रेटिना सुकड़ चुके हैं। संजीव सिंह ने बताया डॉक्टरों ने ऑपरेशन के जरिए एक परसेंट उम्मीद आंखों की रोशनी आने की बात बताई हैं। बाकी किस्मत में जो लिखा है। उसको कौन टाल सकता हैं।

 

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