कोलकाता,: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि कुल लोग अपनी ''जुबान पर लगाम नहीं लगा रहे'' लेकिन इसके बावहजूद वह राज्य में लोगों की सेवा करने से पीछे नहीं हटेंगे।
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने धनखड़ पर परोक्ष हमला करते हुए कहा था कि संवैधानिक पदों पर आसीन लोग भाजपा के मुखपत्र बन गए हैं।
बनर्जी ने धनखड़ पर समानांतर सरकार चलाने का आरोप लगाया था। धनखड़ ने बनर्जी के इस आरोप पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि क्रिकेट के खेल में हर गेंद को खेलने की आवश्यकता नहीं होती।
उन्होंने कहा, ''कुछ लोग अपनी जुबान का बहुत ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं और उस पर लगाम नहीं लगा रहे। क्रिकेट के खेल में हर गेंद को खेलना आवश्यक नहीं है। मैं लोगों की सेवा करना जारी रखूंगा।''
राज्यपाल ने कहा कि उनके बयानों को पूरी तरह समझे बिना किसी को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
उनके इस बयान से एक दिन पहले धनखड़ और राज्य सरकार के बीच 'बुलबुल' चक्रवात के कारण हुए तबाही के लिए राहत वितरण को लेकर गुरूवार को नये सिरे से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था।
धनखड़ ने 300 किलोमीटर की यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर के उनके अनुरोध का जवाब नहीं देने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की थी और कहा था कि मुख्यमंत्री उनसे कोई संवाद करती हैं, तो वह 24 घंटे में जवाब देते हैं।
उल्लेखनीय है कि मुर्शिदाबाद जिले में फरक्का की यात्रा के लिए धनखड़ को एक हेलीकॉप्टर मुहैया कराने की अनुमति देने का अनुरोध बृहस्पतिवार को ठुकरा दिया गया था। राज्य सरकार ने एक सप्ताह दूसरी बार इस तरह का अनुरोध अस्वीकार किया है।
धनखड़ को शुक्रवार सुबह एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने फरक्का गए।
राज भवन के एक सूत्र ने कहा कि हेलीकॉप्टर के लिये अनुरोध काफी समय रहते किया गया था लेकिन प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल की यात्रा के लिये हेलीकॉप्टर की जरूरत पर सवाल उठाते हुए इसे ''बेतुका'' और ''जनता के पैसे का दुरुपयोग'' करार दिया था।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ