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, कृषकों का मोबिलाइजेशन, जल उपभोक्ता समितियों का गठन

लखनऊः सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री टी. वेंकटेश ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि पूरे प्रदेश में उ0प्र0 सहभागी सिंचाई प्रबन्धन अधिनियम, 2009 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में निर्देश दिया है कि तत्काल जल उपभोक्ता समिति की मतदाता सूची, कृषकों का मोबिलाइजेशन, जल उपभोक्ता समितियों का निर्वाचन/गठन तथा सिंचाई प्रबन्धन का हस्तान्तरण कर जल उपभोक्ता समितियों के संचालन से संबंधित कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें।

प्रमुख सचिव सिंचाई ने निर्देशित किया है कि कुलाबा, अल्पिका एवं राजवाहा स्तर की उपभोक्ता समितियों का गठन औपचारिक निर्वाचन के माध्यम से किया जायेगा। कुलाबा स्तरीय जल उपभोक्ता समिति को कुलाबा समिति कहा जायेगा। कुलाबा समिति का निर्वाचन कुलाबा कमाण्ड के भू-धारकों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से मतपत्र के माध्यम से किया जायेगा। उन्होंने कहा है कि कुलाबा समिति के निर्वाचन हेतु मतदाता सूची की आवश्यकता होगी, जो सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार करायी जायेगी। अल्पिका स्तरीय जल उपभोक्ता समिति को अल्पिका समिति एवं राजवाहा स्तरीय जल उपभोक्तासमिति को राजवाहा समिति कहा जायेगा। अल्पिका समिति का गठन संबंधित कुलाबा समितियों के चयनित सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष निर्वाचन के माध्यम से किया जायेगा। इसी प्रकार राजवाहा समिति का गठन इससे संबंधित अल्पिका समितियों के चयनित सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष निर्वाचन के पश्चात तथा राजवाहा समिति की तैयार मतदाता सूची अल्पिका के निर्वाचन के पश्चात तैयार की जायेगी। उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों को तैयार करने का दायित्व सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियन्ता का होगा, जो निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के रूप में मतदाता पंजीकरण का कार्य करायेंगे। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम कुलाबा समिति की मतदाता सूची तैयार करायी जायेगी, जिसके लिए कुलाबा कमाण्ड के भू-धारकों की सूचना तहसील कार्यालय से प्राप्त की जायेगी।

श्री टी. वेंकटेश ने निर्देश दिया है कि मतदाता सूची तैयार हो जाने एवं उस पर दावे एवं आपत्तियां प्राप्त करने हेतु मतदाता सूची का प्रकाशन करने के साथ-साथ कृषकों का मोबिलाइजेशन किया जायेगा। मोबिलाइजेशन के अंतर्गत सहभागी सिंचाई प्रबन्धन व्यवस्था एवं उससे प्राप्त होने वाले लाभों को कृषकों को समझाया एवं जागरूक किया जायेगा, जिससे कृषक स्वतः रूचि के साथ जल उपभोक्ता समितियों के गठन की प्रक्रिया में भाग ले सकें।

प्रमुख सचिव ने कहा है कि कुलाबा, अल्पिका एवं राजवाहा समितियों के गठन हेतु इनके निर्वाचन कार्य सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रमुख अभियन्ता मुख्य चुनाव अधिकारी होंगे। संगठन के संबंधित मुख्य अभियन्ता चुनाव अधिकारी तथा अधीक्षण अभियन्ता उप चुनाव अधिकारी होगें। खण्ड स्तर पर चुनाव के संचालन के लिए संबंधित अधिशासी अभियन्ता खण्डीय चुनाव अधिकारी तथा रिटर्निंग अधिकारी होगें। उन्होंने निर्देशित किया है कि सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया संबंधित जिलाधिकारियों के सहयोग एवं दिशा-निर्देश से संचालित की जायेगी। निर्वाचन के पश्चात जल उपभोक्ता समितियों के गठन की अधिसूचना खण्डीय चुनाव अधिकारी द्वारा की जायेगी। उन्होंने कहा कि इन समितियों का कार्यकाल 06 वर्ष का होगा तथा प्रत्येक 06 वर्ष के बाद मतदाता सूची का पुनरीक्षण तथा जल उपभोक्ता समितियों का निर्वाचन कराया जायेगा।

प्रमुख सचिव सिंचाई ने निर्देशित किया है कि जल उपभोक्ता समितियों के गठन के पश्चात उनका पंजीकरण सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जल उपभोक्ता समितियों के पंजीकरण हो जाने पर अल्पिकाओं एवं राजवाहों का सिंचाई प्रबन्धन संबंधित अल्पिका एवं राजवाहा समिति को अनुबन्ध के माध्यम से हस्तान्तरित कर दिया जायेगा। उसके बाद नहरों की देख-रेख, मरम्मत, सिल्ट सफाई, पानी का बटवारा, सिंचाई जल का लेखा-जोखा, पानी के किफायती उपयोग तथा उसके अपव्यय पर नियंत्रण आदि का कार्य संबंधित जल उपभोक्ता समिति द्वारा सिंचाई विभाग के सहयोग, मार्गदर्शन एवं नियंत्रण में किया जायेगा तथा इन समितियों को संचालित करने तथा इनके कार्यों के अनुश्रवण का कार्य सिंचाई विभाग द्वारा किया जायेगा।

प्रमुख सचिव सिंचाई ने तहसील कार्यालय अथवा जिला एन.आई.सी. कार्यालय से कुलाबा कमाण्ड के भू-धारकों की सूची संबंधित अधिशासी अभियन्ता को उपलब्ध कराने, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को पिम के निर्वाचन अवधि में विभिन्न ड्यूटियों एवं बैठकों से मुक्त रखने, मतदाता सूचियों की प्रगति की समीक्षा करते रहने, मतदाता सूची तैयार करने एवं पिम के निर्वाचन कार्य हेतु यथावश्यक राज्य सरकार के कर्मियों को उपलब्ध कराने तथा मतदान केन्द्र/मतदान स्थल की व्यवस्था कराते रहने की अपेक्षा समस्त जिलाधिकारियों से की है।

प्रमुख सचिव ने कहा कि उ0प्र0 राज्य जल नीति 1999 में लिये गये संकल्प के अनुसार सिंचाई, प्रबन्धन में कृषकों की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु उ0प्र0 सहभागी सिंचाई प्रबन्धक अधिनियम, 2009 पूरे प्रदेश में सन 2011 से प्रभावी है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के प्रभावी होने से प्रदेश के समस्त किसानों के प्रत्येक खेत तक पानी एवं सन 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने तथा उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में प्रदेश सरकार को सफलता मिलेगी।

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