मुम्बई, : अपने दम पर हिंदी सिनेमा की बादशाहत हासिल करने वाले शाहरुख खान का कहना है कि उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है।
अभिनेता शनिवार को 54 वर्ष के हो गए । उपनगरीय बांद्रा में 'सेंट एंड्रयूज ऑडिटोरियम' में शनिवार रात उन्होंने यह खास दिन अपने हजारों प्रशंसकों के साथ बिताया।
शाहरुख ने कहा कि उन्होंने अपने करियर बुरे दिन देख चुके हैं और उनका मानना है कि जिंदगी जीने का सबसे सही तरीका हर पल का आनंद उठाना ही है।
जन्मदिन पर अपने प्रशंसकों के साथ मुलाकात करते हुए अभिनेता ने कहा, '' मैं खुशकिस्मत और बदकिस्मत दोनों रहा हूं, जब मैं काम करने मुम्बई आया था तब मैंने अपना सबकुछ खो दिया था, माता-पिता, पैसा..मेरी एक बहन थी जो अस्वस्थ थी...मेरी शादी बस हुई ही थी और मेरे पास रहने के लिए घर नहीं था।''
उन्होंने कहा,'' मुझे लगा कि जो होगा अच्छा ही होगा। तमाम नकारात्मकताओं के बावजूद मुझे यही लगता था कि कुछ गलत नहीं हो सकता। मुझे कभी नहीं लगा कि मैं कुछ खो दूंगा।''
शाहरुख ने कहा कि वह फिल्म उद्योग में जूही चावला, फिल्म निर्माता अजीज मिर्जा, राजीव मेहरा और अभिनेता-निर्माता विवेक वासवानी जैसे दोस्त पाकर खुश हैं, जिन्होंने मुश्किल घड़ी में उनका साथ दिया।
निजी और पेशेवर जीवन में तालमेल बैठाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें कहीं भी तालमेल बैठाने की जरूरत नहीं पड़ी।
वहीं शाहरुख खान ने कहा कि वह अपने जीवन में ऐसे अच्छे किरदार निभाना चाहते हैं, जिससे उनके बेटे अबराम समझ पाएं कि लोग उनसे प्यार क्यों करते हैं।
उन्होंने कहा कि जब आर्यन और सुहाना बड़े हो रहे थे तब उन्होंने 'बाजीगर' और 'कुछ कुछ होता है'...की ।
शाहरुख ने कहा, '' आर्यन का कहना है कि अगले तीन-चार साल में मुझे ऐसी बड़ी फिल्में करनी चाहिए जिससे अबराम को पता चले कि लोग मुझसे प्यार क्यों करते हैं। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा कि मुझे कुछ नए किरदार निभाने को मिलें।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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