अमरोहा। खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग द्वारा ईट राइट के तहत विद्यालयों में जागरूकता अभियान लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। श्री रामचंद्र खत्री उत्तर माध्यमिक विद्यालय, सिख इंटर कॉलेज नारंगपुर जोया, आई एम इंटर कॉलेज अमरोहा, ज्ञान भारती इंटर कॉलेज गजरौला में ईट राइट के तहत बच्चों को बताया गया कि पौष्टिक खाना खाना चाहिए। खाने से पहले साबुन से कम से कम 20 सेकंड हाथ धोने और कम तेल ,कम नमक, कम चीनी खाने के विषय में समझाया गया। दूध ,मसाले ,दालों में मिलावट पहचानना बताया गया संपूर्ण थाली में दाल, हरी सब्जी, रोटी ,चावल और सलाद के प्रयोग पर बल दिया गया। नमक पर उगते सूरज का निशान, तेल में फोर्टिफिकेशन के विषय में बताया गया।बच्चों से इंटरेक्शन करते हुए विभिन्न सवाल पूछे गए। बच्चों ने उनका बड़ा बेबाकी से जवाब दिया। खाद्य विभाग की अलग-अलग टीमों द्वारा यह जागरूकता कार्यक्रम अलग-अलग विद्यालयों में टीम बनाकर किया गया। मौसमी फलों का प्रयोग करने के लिए बच्चों को समझाया गया। ईट राइट के अंतर्गत बच्चों को शपथ ग्रहण कराई गई। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज कुमार गुप्ता ने बताया कि विभाग द्वारा आज लगभग चार हजार बच्चों को जागरूक किया गया। यह कार्यक्रम 14 नवंबर तक लगातार जारी रहेगा खाद्य टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीके जयंत यदुवीर सिंह महेश कुमार विजय कुमार तन्मय अग्रहरि साथ रहे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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