लखनऊ : , भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता कांग्रेस पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी द्वारा राफेल पर फैलाये गए झूठ और मनगढंत और मर्यादाहीन बयानों को लेकर 16 नवम्बर को जिलास्तर पर प्रदर्शन करते हुए राहुल गांधी व कांग्रेस से सार्वजनिक माफी की मांग करेगें।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि राफेल मामले पर पुनर्विचार संबधी दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में इस मामले पर जांच की मांग को गैर जरूरी तथा बेवजह बताया। राफेल खरीद प्रक्रिया को सही व पारदर्शी बताने का फैसला माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिसम्बर 2018 में पहले ही दिया जा चुका है। इस मामले पर कांग्रेस पार्टी पहले ही अदालत में मुंह की खा चुकी है और आज फिर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद उसका झूठ देश के सामने आ चुका है। देश की रक्षा से जुड़े इस अहम मसले पर कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले लगातार झूठ बोलकर देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश की। अब जब सर्वाेच्च न्यायालय के निर्णय के बाद राफेल मामले पर एक बार फिर सत्य सामने आ चुका है और पूरी खरीद प्रक्रिया पारदर्शी व शुचिता पूर्ण सिद्ध हुई है। तब कांग्रेस के नेता श्री राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को देश को गुमराह करने तथा मर्यादाहीन राजनीति करने के लिए सार्वजानिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी से सार्वजनिक माफी की मांग को लेकर कल 16 नवम्बर को प्रदेश के सभी जिलों में प्रदर्शन करेगें।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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