रांची, : झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए बृहस्पतिवार की शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया।
इस चरण में तेरह सीटों के लिए कुल 3783055 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग 30 नवंबर को करेंगे।
झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय चौबे ने बताया कि प्रथम चरण में 30 नवंबर को सुबह सात बजे से ही मतदान प्रारंभ हो जायेगा और इस चरण की सभी तेरह सीटें नक्सल प्रभावित इलाकों में होने के कारण वहां मतदान अपराह्र तीन बजे तक ही होगा।
उन्होंने बताया कि अपराह्र तीन बजे तक जितने भी मतदाता मतदान केन्द्र पर पहुंच जायेंगे उन्हें मतदान की अनुमति होगी। प्रथम चरण में कुल 3783055 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थित प्रथम चरण की तेरह सीटों के लिए कुल 189 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गये हैं। इस चरण के लिए कुल 3906 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। इस चरण में कुल 989 मतदान केन्द्रों से वेबकास्टिंग की जायेगी।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में 30 नवंबर को 27-चतरा (अनुसूचित जाति, एससी के लिए सुरक्षित), 68-गुमला (अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित, एसटी), 69-बिशुनपुर (एसटी), 72-लोहरदगा (एसटी), 73-मनिका (एसटी), 74-लातेहार (एससी), 75-पांकी, 76-डाल्टेनगंज, 77-विश्रामपुर, 78-छत्तरपुर (एससी), 79- हुसैनाबाद, 80- गढ़वा और 81-भवनाथपुर सीट के लिए सुबह सात बजे से मतदान होगा।
चौबे ने बताया कि मतदानकर्मियों को ईवीएम और अन्य सामग्री के साथ मतदान केन्द्रों के लिए रवाना कर दिया गया है।
पहले चरण में जहां भाजपा तेरह में से 12 सीटों पर स्वयं लड़ रही है तो वहीं हुसैनाबाद की सीट पर उसने निर्दलीय विनोद सिंह को समर्थन दिया है।
जबकि महागठबंधन में झामुमो चार, कांग्रेस छह और राष्ट्रीय जनता दल तीन सीटों पर मुकाबले में हैं। प्रथम चरण के लिए जहां भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो रैलियों को संबोधित किया तो वहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो दिनों के दौरे में चार रैलियां कीं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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