जलियांवाला बाग में जिस तरह जनरल डायर ने गोलियां चलवायी थीं उन्नाव की घटना से उसकी यादें ताजा हो गयीं : आराधना मिश्रा‘मोना’


लखनऊ :   प्रदेश कांग्रेस का 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता  आराधना मिश्रा'मोना' के नेतृत्व में उन्नाव पहुंचकर लक्ष्मी खेड़ा, मुरलीपुर, शंकरपुर सराय, गांव में पीड़ित किसानों, उनके परिवार की महिला सदस्यों व बच्चों से मुलाकात कर घटना का जायजा लिया। ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल आज उन्नाव किसानों पर पुलिसिया दमन व लाठीचार्ज की जांच करने पहुंचा।
विधानमंडल दल की नेता  आराधना मिश्रा मोना  ने बताया कि जिस प्रकार से पुलिस द्वारा किसानों का उत्पीड़न और बलपूर्वक उन पर लाठीचार्ज किया गया है, बहुत ही दुःखद है। उन्होने कहा कि इस घटना से जलियांवाला बाग कांड की याद ताजा हो जाती है जिस प्रकार से जनरल डायर ने निहत्थे लोगों पर जघन्य तरीके से गोली चलवाई थी उसी प्रकार से प्रदेश की भाजपा सरकार के द्वारा प्रशासन ने बलपूर्वक निहत्थे किसानों पर लाठी और आंसू गैस के गोले दागे हैं जिनके शरीर पर चोट के निशान और बहुतायत संख्या में घायल किसानों को इलाज भी मुहैया नहीं कराया जा रहा है और न ही उनको गांव से बाहर जाकर स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज करने दिया जा रहा है। पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील करके लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी महरूम कर दिया गया हैै। शासन-प्रशासन द्वारा लगातार तीन दिनों से किसानों के घरों में घुसकर रात में महिलाओं के साथ बदतमीजी व पुरुष सदस्यों के साथ मारपीट की जा रही है जो अमानवीय कृत्य है उनके घरों में चूल्हे नहीं जल रहे हैं, राशन और उनकी गाड़ियां पुलिस द्वारा उठाकर जब्त कर ली गई है बेबस बेबस किसानों को घर छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है। वहां के किसान डरे और सहमे हुए हैं इस तरह की विपरीत परिस्थिति या तो सोनभद्र में थी या उन्नाव के गांव में है। आज पुलिसिया बर्बरता के कारण देश का अन्नदाता वहां से पलायन को मजबूर है।
उन्होने बताया कि किसानों की प्रमुख मांग निम्न है-


1. 2011 में नई भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जो कांग्रेस सरकार में लागू किया गया था उसके तहत किसानों को मुआवजा दिया जाए और उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए अथवा उनकी जमीन वापस की जाए।


2 लगभग ढाई वर्षों से शांति पूर्वक किसानों के आंदोलन में अचानक ऐसी कौन सी परिस्थितियां आ गई कि किसानों को इतनी बेरहमी से उनके आंदोलन को दबाने के लिए लाठीचार्ज किया गया, आंसू गैस के गोले दागे गए और संभवतः फायरिंग भी की गई। किन वजहांे से ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हुई इसकी न्यायिक जांच हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश से कराई जाए और इस घटना के दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।


3. जिस तरह का माहौल पैदा किया गया है और लगातार किसानों से मारपीट की जा रही है उसको तत्काल रोका जाए। खून पसीने से तैयार किसानों की खड़ी फसलों को ट्रैक्टर लगाकर प्रशासन द्वारा उनकी आंखों के सामने बर्बाद की जा रही है, यह राष्ट्र की क्षति है और अक्षम्य अपराध है। तत्काल दोषियों पर कार्रवाई की जाए और जो फसल बर्बाद हुई है उसका मुआवजा किसानों को दिया जाए।


4 किसानों के ऊपर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए, घायलों का समुचित इलाज कराया जाए। लाठीचार्ज व तोड़फोड़ में जो आर्थिक नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करते हुए किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। उन्नाव में किसानों के मामले में  प्रियंका गांधी जी गंभीर हंै, उनका मानना है कि जब किसान खुशहाल होगा तभी देश खुशहाल होगा और तरक्की होगी। इस घटना की सारी रिपोर्ट  गांधी  को प्रेषित की जा चुकी है।
कांग्रेस के 6 सदस्य प्रतिनिधि मंडल में  आराधना मिश्रा मोना  सहित प्रदेश कांग्रेस के महासचिव  राकेश सचान पूर्व सांसद, विधायक  सोहेल अख्तर अंसारी, प्रदेश कांग्रेस के महासचिव  मनोज यादव, प्रदेश कांग्रेस के सचिव  विवेकानंद पाठक, जिला अध्यक्ष उन्नाव  सुभाष सिंह के अलावा इस मौके पर निवर्तमान शहर अध्यक्ष अमित शुक्ला,  अंकित परिहार,  शैलेन्द्र तिवारी,  चन्द्रशेखर मिश्रा,  विशाल तिवारी सहित तमाम कांग्रेसजन मौजूद रहे।


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