गन्ने की पराली बिना जलाये खेत पर ही कर दी खत्म

अमरोहा। विकास खण्ड के ग्राम मुनव्वरपुर उर्फ मुनीमपुर में जिलाधिकारी उमेश मिश्र द्वारा गन्ने की पराली खेत पर ही बिना जलाये प्रबंधन हेतु मलचर कृषि यन्त्र का मौके पर जाकर खेत पर कृषि विभाग के अधिकारी व बड़ी संख्या में किसानों के साथ अवलोकन किया। जिलाधिकारी ने बिना जलाये पराली प्रबंधन देखकर बहुत ही आश्चर्यचकित हुये और कहा कि यह पराली निस्तारण की बहुत ही सरल विधि है। इसे जिले के सभी किसानों को अपनाना चाहिये। उन्होनें कहा कि मलचर कृषि यन्त्र द्वारा खेत में पराली छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिट्टी में मिला दी जाती है, जिससे खेत में ही पराली की जैविक खाद बन जाती है एवं मिट्टी की उर्वरता में भी बढ़ोत्तरी होती है। जिससे अगली फसल को लाभ होता है। उन्होनें ग्राम मुनव्वर में कृषक हरिराम सिंह के खेत पर मलचर से पराली का प्रबंध कराकर एवं भारी संख्या में कृषकों को लाभ, व पराली जलाने के दुष्परिणामों से अवगत कराया।

    जिलाधिकारी श्री मिश्र ने कहा कि पराली जलाना प्रदूषण को दावत देना है, इससे आम जन के स्वास्थ्य पर भी गम्भीर प्रभाव पड़ता है। जिससे एनजीटी के आदेश का उल्लंघन होता है। ऐसे कृषक जो पराली जलाते हैं उन पर जुर्माना व मुकद्दमा करने की नौबत आ जाती है। इस अवसर पर उन्होंने भारी संख्या में उपस्थित किसानो से अपील की कि पराली न जलाकर उसका प्रबंधन खेत पर ही करें या मलचर से मिट्टी में मिला दें या एक जगह इकट्ठा कर उसकी कम्पोस्ट खाद बना लें। उन्होनें सभी कृषक भाईयों से कहा कि जनपद में 45 मलचर अनुदान में विभिन्न ग्रामों में दिये गये, उनको किराये पर लेकर अवश्य प्रयोग करें।

 

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