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एक इंसान की जिंदगी बचाने वाला पूरी इंसानियत का दोस्त : नदवी


अमरोहा। नदवातुल उलेमा लखनऊ के प्रो. अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कारी रियाज नदवी ने कहा कि नबी-ए-पाक ने 23 साल की छोटी सी अवधि में इस्लाम की रोशनी पूरी दुनिया में फैला दी। मुहम्मद मुस्तफा सबके लिए रहमत बन कर तशरीफ लाए और अपने किरदार व अच्छे अखलाक से दुनिया को रोशन कर दिया। कारी रियाज नदवी साहब 'मुस्लिम कमेटी अमरोहा' की जानिब से दानिशमदान रोड पर आयोजित जश्ने-ईद-मिलादुन्नबी की 17 दिवसीय तकरीबात के जलसा ए सीरते पाक में बतौर मुख्य अतिथि अपना उदबोधन दे रहे थे। उन्होंने कहा किनबी-ए-पाक जब दुनिया में तशरीफ लाए, उस वक्त के हालात अलग थे, जहां नबी ने इस्लाम की रोशनी फैला दी। रसूले पाक की जिंदगी हमारे लिए बेहतरीन नमूना है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में पैगम्बरे आजम का पैगाम इंसानियत और मोहब्बत दुनिया में आम करने की जरूरत है।आप सल्लव ने इन्सान के खून को हराम करार दिया। आपने फरमाया कि जो इन्सान बिना वजह किसी को कत्ल कर देता है वह ऐसा है जिसने सारी इन्सानियत का कत्ल कर दिया। एक बेगुनाह इन्सान की जान बचाने वाला ऐसा है जिसने पूरी इनसानियत को बचा लिया ।

रसूल अल्लाह सल्लव का फरमान है कि एक मुसलमान के खून की अजमत खाना ए काबा की अजमत से बढ़ कर है ।

मुस्लिम कमेटी के चेयरमैन हाजी खुरशीद अनवर ने कहा कि इसलाम सलामती का मजहब है और रसूल अल्लाह ने फरमाया है कि जिस मुल्क में रहो उससे वफादारी करो वहां का क़ानून मानो । इसलिए बाबरी मस्जिद के संबन्ध में सुप्रीमकोर्ट का जो भी  फैसला होगा हम उसका सम्मान करेंगें हमें अपने वतन हिंदुस्तान से बेपनाह मोहब्बत है और उसकी अदालत पर हमें भरोसा है। अमरोहा अमन का शहर है आपसी भाई चारा व प्रेम , सौहार्द पूरी दुनिया में मशहूर है हम अपने बिरादराने वतन के साथ सभी त्यौहार मिलजुल कर मनाते आये हैँ। इससे पहले जलसे का आगाज तिलावते कुरआन से हुआ। बाद में जुबैर इब्ने सैफी व हाफिज शमीम अमरोहवी ने नाते रसूल पेश की गई। आखिर में सलातो सलाम पढ़ा गया और दुआ की गई ।

 हाजी अब्दुल कय्यूम राईनी, मन्सूर अहमद एडवोकेट ,डाव अफसर परवेज, डाव नजमुन्नबि, ओवैस मुस्तुफा रिजवी , हाजी अली इमाम रिजवी ,अल्ताफ सल्मानि , शहजाद इसहाक, निराले मियां अंसारी , इकराम हुसैन जैदी यासिर अंसारी फैसल लतीफ , राशिद अली , नईम कुरेशी , जफर अंसारी आदि मौजूद थे। जलसे की सदारत मंजूर अली सिद्दीकी व निजामत हाजी खुरशी अनवर ने की कन्वेनर समी कुरेशी व अजीम कुरेशी नेआभार व्यक्त किया।

 

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