कोलकाता, : भारत के पहले दिन रात के टेस्ट को लेकर मची हाइप से सचिन तेंदुलकर को कोई ऐतराज नहीं है लेकिन उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिये भी कहा है कि क्रिकेट की गुणवत्ता से किसी स्तर पर समझौता नहीं किया जाये ।
भारतीय टीम शुक्रवार से बांग्लादेश के खिलाफ गुलाबी गेंद से ऐतिहासिक टेस्ट खेलेगी ।
तेंदुलकर ने प्रेस ट्रस्ट को दिये इंटरव्यू में कहा ,'' सब कुछ दर्शकों को अधिक संख्या में मैदान में लाने और टेस्ट क्रिकेट को अधिक रोचक बनाने के लिये किया जा रहा है । यह अहम है लेकिन मेरा मानना है कि मैच के बाद आकलन किया जाना चाहिये । कितनी ओस थी और खेल के स्तर से समझौता तो नहीं किया गया ।''
उन्होंने कहा ,'' इसके दो पहलू हैं । पहला दर्शकों को मैदान पर लाना और साथ ही खेल की गुणवत्ता से समझौता नहीं करना । गेंद अगर गीली होने लगे और खेल पर उसका असर पड़े तो हमें देखना होगा कि हम क्या करना चाहते हैं । अगर ऐसा नहीं है तो बहुत बढिया है ।''
तेंदुलकर ने कहा ,'' लेकिन अगर ओस रहती है और अच्छा क्रिकेट देखने को नहीं मिलता तो इसका विश्लेषण जरूरी है।''
तेंदुलकर यह मैच देखने यहां पहुंची हस्तियों में से है । उन्होंने कहा ,'' यह अच्छी बात है । हमने दिखाया है कि हम आगे बढकर नयी चीजें आजमाना चाहते हैं । हम कोशिश करेंगे और फिर देखेंगे कि यह कामयाब हुई या नहीं । सफलता का मानदंड स्टेडियम में मौजूद दर्शकों की संख्या ही नहीं होती । यह बस एक पहलू है ।''
गुलाबी गेंद से घसियाली पिच पर क्या स्पिनर प्रभावी होंगे, यह पूछने पर उन्होंने पिछले साल के पर्थ टेस्ट का जिक्र किया जहां नाथन लियोन ने आठ विकेट लेकर भारत को 146 रन से जीत दिलाई थी ।
उन्होंने कहा ,'' आम तौर पर स्पिनर कठोर और घास वाली पिच पर कुछ ज्यादा नहीं कर पाते लेकिन पिछले साल जब भारतीय टीम आस्ट्रेलिया गई थी तो पर्थ की पिच पर तेज गेंदबाजों को मदद मिली थी ।''
भारत के तेज आक्रमण की सफलता का श्रेय फिटनेस को देते हुए तेंदुलकर ने कहा ,'' हमारे पास तीन गेंदबाज हैं जो 140 की गति से गेंदबाजी कर रहे हैं । उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा और इसका श्रेय फिटनेस को जाता है ।''
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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