संबलपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है और आर्थिक नरमी के इस दौर से बाहर आने के लिए कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव प्रमोद कुमार मिश्रा ने यह बात कही।
मिश्रा ने यहां संबलपुर विश्वविद्यालय के 30वें दीक्षांत समारोह में कहा कि देश गतिशीलता की नयी भावना को महसूस कर रहा है और प्रधानमंत्री मोदी के 'न्यू इंडिया' के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए कई पहल की जा रही हैं।
उन्होंने कहा, ''आर्थिक मोर्च पर प्रधानमंत्री ने देश को 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। यद्पि यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। हम इसे पाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और इसी रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।''
देश की आर्थिक बुनियाद को मजबूत बताते हुए मिश्रा ने कहा कि 2014-19 में देश की औसत आर्थिक वृद्धि दर आजादी के बाद 7.5 प्रतिशत के सबसे उच्च स्तर पर रही है। यह जी-20 समूहों में भी सबसे ऊपर है।
जीडीपी में नरमी के मामले पर उन्होंने कहा कि वैश्विक उत्पादन की वृद्धि दर में नरमी का असर देश पर भी पड़ा है। वहीं अधिक पारदर्शिता लाने, व्यवस्था में लीकेज को रोकने और सरकार का प्रशासन बेहतर करने से भी कुछ व्यवधान हुआ है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों में देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घटकर 4.5 प्रतिशत रह गयी है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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