चुनावी बांड राजनीति में ईमानदार धन लाने का ‘सफल प्रयास’ : भाजपा

नयी दिल्ली, :  चुनावी बांड के मुद्दे पर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भाजपा ने बृहस्पतिवार को कहा कि 'पराजित और असंतुष्ट भ्रष्ट नेताओं का गठबंधन' नहीं चाहता कि साफ-स्वच्छ, कर चुकाया गया पारदर्शी धन चुनाव में लगाये जाएं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ''वर्षों तक जिन पार्टियों में व्यक्ति अमीर हुए, व्यक्तियों ने भ्रष्टाचार का पैसा लिया और राजनीति को भ्रष्टाचार में लिप्त कर दिया। आज उन्हें जब चोट लगी और ईमानदार पैसा राजनीति में आया तो अब ये आरोप लगाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं ।'' कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार को संसद के दोनों सदनों में चुनावी बांड के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा करानी चाहिए और इस पूरी योजना की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बननी चाहिए।

कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए गोयल ने कहा कि कुछ दलों में नेता अमीर होते गए जबकि भाजपा ने केवल सही उद्देश्य के लिए राजनीतिक चंदे का इस्तेमाल किया।

गोयल ने कहा, '' ये वही लोग हैं जिन्होंने राफेल पर अनाप-शनाप आरोप लगाए, जिसको जनता ने भी नकार दिया और कोर्ट ने भी उनके बेबुनियाद आरोपों को खारिज कर दिया।'' उन्होंने दावा किया कि भाजपा एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसने लगातार कालेधन पर वार किया है और चुनावी प्रणाली में ईमानदार पैसे को प्रोत्साहन दिया है ।

उन्होंने कहा कि बांड के मुद्दे पर आरबीआई और चुनाव आयोग की चिंताओं को दूर करने में सरकार को लगभग एक साल लग गया और विश्वास जताया कि राजनैतिक फंडिंग में लायी गयी पारदर्शिता और ईमानदार धन का अनुभव करने के बाद चुनाव आयोग अब संतुष्ट होगा।

इस मामले पर मीडिया में आई खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि 'कोई नया खुलासा नहीं हुआ है।' उन्होंने कहा कि चुनावी बांड के बारे में सारी सूचनाएं सबके सामने उपलब्ध हैं और कोई भी आरटीआई के जरिए जानकारी ले सकता है ।

कॉरपोरेट की तरफ से भाजपा को ज्यादा धन मिलने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक है क्योंकि भगवा पार्टी क्षमता के हिसाब से कांग्रेस से बहुत बड़ी है और कई संगठनों ने भी विपक्षी पार्टी द्वारा प्रचारित 'भ्रष्ट विचारधारा' को खारिज किया है।

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर नरेंद्र मोदी सरकार ने 2,000 रुपये से ज्यादा के चंदे पर प्रतिबंध लगा दिया ।



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