नयी दिल्ली, : स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती जागरुकता के कारण पिछले कुछ समय में चिकित्सा बीमा खरीदने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 में चिकित्सा बीमा खरीदारों में महिलायों की हिस्सेदारी महज नौ प्रतिशत थी , जो वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर 19 प्रतिशत पर पहुंच गयी।
बीमा संबंधी ऑनलाइन सेवाएं देने वाली कंपनी पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के एक सर्वेक्षण के अनुसार, अब हर 10 में से छह महिलायें अपने लिये चिकित्सा बीमा खरीद रही हैं और ये महिलायें पांच लाख रुपये या इससे अधिक का प्लान चुन रही हैं।
सर्वेक्षण के अनुसार, चिकित्सा बीमा खरीदने वाली महिलाओं की संख्या वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में वित्त वर्ष 2018-19 में 57 प्रतिशत बढ़ी है। इस दौरान पांच लाख से 10 लाख रुपये तक का प्लान खरीदने वाली महिलाओं की संख्या 80 प्रतिशत तथा 10 लाख रुपये से अधिक का प्लान खरीदने वाली महिलाओं की संख्या 61 प्रतिशत बढ़ी है।
कंपनी के प्रमुख (चिकित्सा बीमा) अमित छाबड़ा ने कहा, “भारत में महिलाओं का औसत जीवनकाल 69 वर्ष का होता है, जिससे यह पता चलता है कि महिलाओं को एक सही चिकित्सा बीमा खरीदना ही चाहिये। चिकित्सा बीमा सभी उम्र की महिलाओं के लिए जरूरी है। किशोर उम्र की लड़कियां अपने परिजनों के साथ चिकित्सा बीमा ले सकती हैं, वहीं शादीशुदा महिलाओं को एक निजी चिकित्सा बीमा रखना जरूरी है।”
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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