पटना, : बिहार विधानमंडल का शुक्रवार से शुरु हो रहा शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने का आसार है।
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन सुचारू रूप से चले, इसको लेकर गुरुवार को सभी पार्टी की बैठक बुलाई थी।
राजद के वरिष्ठ नेता और विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि हम सदन के इस सत्र के दौरान कानून-व्यवस्था के क्षेत्र में सरकार की विफलता, लूट, हत्या, बलात्कार जैसे अपराधिक घटनाओं में वृद्धि, विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपहरण, सितंबर महीने में लगातार बारिश के कारण पटना में जल-जमाव की समस्या तथा राज्य के अन्य भागों में बाढ़ के कारण प्रभावित लोगों को राहत के तौर पर सरकार द्वारा घोषित 6,000 रुपये की राशि नहीं मिलने सहित विपक्ष किसानों की समस्याओं को उठाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव सत्र के दौरान मौजूद रहेंगे, वीरेंद्र ने कहा कि वे सदन में जरूर रहेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या तेजस्वी पांचों दिन सदन में उपस्थित होंगे, वीरेंद्र ने कहा कि "निश्चित रूप से सदन में मौजूद रहेंगे लेकिन झारखंड विधानसभा चुनाव के कारण दिनों की संख्या के बारे में नहीं कह सकते। लालू प्रसाद जी अनुपस्थिति में वे पार्टी के मुख्य प्रचारक हैं।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार विधान परिषद सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि “ सदन के इस सत्र के दौरान बिगडी हुई कानून-व्यवस्था, पटना में जल जमाव और प्रदूषण सहित राज्य के अन्य ज्वलंत मुद्दों को उनकी पार्टी उठाएगी ।"
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ