नयी दिल्ली, भारत ने को पाकिस्तान से अवैध तरीके से घुसने के आरोपों पर गिरफ्तार किए गए दो भारतीयों को वापस करने को कहा और उम्मीद जतायी कि पाकिस्तान के दुष्प्रचार के लिए उनका इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि दो भारतीयों - प्रशांत वेंदम और धारी लाल को अचानक गिरफ्तार किया जाना भारत के लिए हैरानी की बात है, क्योंकि पाकिस्तान को महीनों पहले सूचित कर दिया गया था कि वे अनजाने में सीमा पार पहुंचे होंगे।
उन्होंने बताया , ''हमें उम्मीद है कि दोनों भारतीय नागरिकों का इस्तेमाल नहीं होगा या उन्हें पाकिस्तानी दुष्प्रचार का शिकार नहीं बनाया जाएगा।''
उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के बारे में पाकिस्तानी मीडिया में आयी खबरों के बाद भारत ने पाकिस्तान से संपर्क किया और तुरंत उन तक राजनयिक पहुंच देने का आग्रह किया।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''हमने उनकी सुरक्षा और जल्द वापस भेजने का भी अनुरोध किया है।''
कुमार ने कहा कि भारत ने लाल के सीमा पार कर जाने के बारे में पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान को सूचित कर दिया था जबकि वेंदम के बारे में मई 2019 में उन्हें बताया गया।
उन्होंने कहा, ''उसके बाद से हमारे संवाद का कोई जवाब नहीं मिला।''
मीडिया में इसके बारे में खबरें सामने आने पर हमने उसी दिन पाकिस्तान सरकार से संपर्क साधा और तुरंत उन तक राजनयिक पहुंच देने की मांग की ।
उन्होंने कहा कि कई भारतीय हैं जो अनजाने में पाकिस्तान की तरफ चले जाते हैं । ऐसी घटनाओं का पता चलने पर हम पाकिस्तान से संपर्क करते हैं ।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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