भारत तेल एवं गैस क्षेत्र की अपनी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की तैयारी कर रहा है और इस लिहाज से देश में अगले पांच साल के दौरान तेल एवं गैस क्षेत्र में 100 अरब डालर का भारी निवेश होने की उम्मीद है।
केपीएमजी एनरिच 2019 सम्मेलन को संबोधित करते हुये प्रधान ने कहा कि भारत ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव लाने के मामले में भारत पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना रास्ता खुद तय करेगा। आने वाले दशक में वैश्विक ऊर्जा मांग के मामले में भारत की प्रमुख भूमिका होगी।
उन्होंने कहा, ''भारत में 2024 तक तेल रिफाइनिंग, पाइपलाइनों, शहरी गैस वितरण नेटवर्क और एलएनजी टर्मिनल के क्षेत्र में 100 अरब डालर का निवेश होने की उम्मीद है।''
प्रधान ने कहा कि इसमें से करीब 60 अरब डालर पाइपलाइनों, शहरी गैस नेटवर्क और आयात टर्मिनल बनाने जैसे ढांचागत क्षेत्रों में हो सकता है।
उन्होंने कहा कि देश में तेल एवं गैस की खोज एवं उत्पादन और ईंधन विपणन एवं पेट्रोरसायन क्षेत्र में और ज्यादा विदेशी निवेश प्रवाह की जरूरत है।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी देश बनने के लिये भारत पूंजी, विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी और जो भी नीतिगत सुधार करना होगा उस दिशा में आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा, ''भारत वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र के देशों में नया केन्द्र बनना चाहता है।''
प्रधान ने कहा कि गैर- पेट्रोलियम क्षेत्र की कंपनियों को ईंधन के खुदरा कारोबार में अनुमति देने और तेल एवं गैस खोज लाइसेंसिंग नीति में आमूलचूल संशोधन करने का काम इस दिशा में आगे बढ़ने के लिहाज से लिया गया है।
अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया में ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। हालांकि, भारत की ऊर्जा क्षेत्र में प्रति व्यक्ति खपत दुनिया के औसत खपत का केवल एक तिहाई ही है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ