लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उन्नाव में किसानों पर पुलिस और प्रशासन की दमनात्मक कार्यवाही की जितनी निंदा की जाए कम है। भाजपा सरकार ने किसानों की जायज मांग न सुनकर उनकी आवाज को कुचलने का अलोकतंात्रिक काम किया है। स्पष्ट है कि भाजपा सरकार किसानों के प्रति द्वेषपूर्ण रवैया अपनाने में जरा भी संकोच नहीं करती है। किसानों की समस्याओं का जवाब भाजपा सरकार लाठी-गोली से देकर संवेदनाओं को तार-तार करना अपना धर्म समझती है।
उन्नाव में राज्य सरकार द्वारा ट्रांस गंगा सिटी के लिए किसानों की जमीनें जबरन अधिगृहीत की गई है। किसानों को बहुत कम मुआवजा दिया गया है। आज किसान जब बढ़ा हुआ मुआवजा और रोजगार की मांग कर रहे हैं तो उन पर पानी, आंसू गैस छोड़ी गई और जमकर लाठियां बरसाई गई हैं। दर्जन भर से ज्यादा किसान घायल हुए हैं। पुलिस और प्रशासन का यह बर्बर रवैया घोर निंदनीय है।
भाजपा सरकार ने चुनाव के समय जो वायदा किसानों से किया था उसे पूरा करना चाहिए। सरकार को किसानों को अपमानित करने और उन पर लाठी-गोली चलाने के बजाय सहमति का रास्ता अपनाना चाहिए। अन्नदाता का अपमान सरकार को मंहगा पड़ेगा।
समाजवादी सरकार ने विकास योजनाओं के लिए जब भी जमीन अधिगृहीत की किसानों की सहमति से की। किसानों को समाजवादी सरकार ने नोएडा से आगरा यमुना एक्सप्रेस-वे का 65 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा दिया था। समाजवादी सरकार में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का किसानों की सहमति से उन्हें चार गुना मुआवजा दिया गया था।
भाजपा सरकार जो जबर्दस्ती और दमन का सहारा ले रही हैं यह पूर्णतया अनुचित और अनैतिक कृत्य है। किसानों की शिकायत है कि वायदे के मुताबिक उनके मसलों का समाधान नहीं किया जा रहा है। प्रशासन जबर्दस्ती उनकी जमीनों पर कब्जा करना चाहता है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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