मुंबई, : घोटाले में फंसे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के जमाकर्ता आपातकालीन चिकित्कीय जरूरतों की स्थिति में एक लाख रुपये तय की निकासी के लिये रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक से संपर्क कर सकते हैं।
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में दायर शपथपत्र में कहा कि विवाह, शिक्षा, जीवनयापन आदि जैसी दिक्कतों की स्थिति में निकासी की सीमा 50 हजार रुपये है। शपथपत्र में कहा गया कि बैंक और इसके जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिये इस तरह की सीमा तय करना आवश्यक था।
रिजर्व बैंक के वकील वेंकटेश धोंड ने न्यायमूर्ति एस.सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति आर.आई. चागला की पीठ को बताया कि दिक्कतों से जूझ रहे जमाकर्ता केंद्रीय बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक से मिलकर एक लाख रुपये तक की निकासी की मांग कर सकते हैं।
केंद्रीय बैंक ने न्यायालय को बताया कि पीएमसी बैंक में व्यापक स्तर पर गड़बड़ियां पायी गयी हैं।
पीठ इस मामले पर अगली सुनवाई चार दिसंबर को करेगी।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपों के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने 23 सितंबर को पीएमसी बैंक पर छह महीने के लिये नियामकीय रुकावटें लगा दी थी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ