बीजिंग, : चीन और अमेरिका के शीर्ष व्यापार वार्ताकारों ने फोन पर बातचीत कर उनके बीच चल रहे व्यापार युद्ध को शांत करने की दिशा में पहल करते हुये शुरुआती समझौते पर काम करते रहने पर सहमति जताई है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने एक संक्षिप्त प्रपत्र में कहा की चीन के उप- प्रधानमंत्री लिउ हे और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि राबर्ट लाइटहाइजर और वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन से मंगलवार प्रात: बातचीत की।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा, ''दोनों पक्षों ने एक दूसरे की मुख्य चिंताओं से जुड़े मुद्दों के समाधान पर गौर किया और इस बात पर सहमति जताई कि इनसे जुड़े मुद्दों का भी उपयुक्त तरीके से समाधान किया जाना चाहिये। साथ ही दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुये कि पहले दौर की बातचीत में जो मुद्दे रह गये हैं उनको लेकर आपस में संपर्क में बनाये रखेंगे।''
चीन के वाणिज्य मंत्रालय की इस घोषणा की हालांकि, अमेरिका की तरफ से तुरंत कोई पुष्टि नहीं की गई। यह घोषणा सोमवार को अमेरिका के शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट के नई रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद आई है। चीन की सरकार द्वारा पेटेंट और कॉपीराइट सुरक्षा के लिये नये दिशानिर्देश जारी किये जाने की घोषणा के बाद अमेरिका के शेयर बाजारों में तेजी का रुख रहा।
बौद्विक संपदा अधिकारों की चोरी ही वह मुद्दा है जो दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध की मूल वजह रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और उसके बाजारों ने चीन की पहल को दोनों देशों के बीच पहले चरण के समझौते की दिशा में उत्साहवर्धक कदम माना है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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