बर्मिंघम, : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान से करतारपुर गलियारे के लिए श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क वसूलने पर पुन: विचार करने की अपील करते हुए कहा कि यह गलियारा शांति और उम्मीद का प्रतीक है।
सिंह ने सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के हिस्से के तौर पर बर्मिंघम टॉउन हॉल में रविवार को आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट अनिवार्य करने के निर्णय पर भी फिर से सोचना चाहिए।
सिंह ने कहा कि ये सभी धार्मिक स्थल सभी समुदाय के हैं। हमें किसी को भी हमारी तरफ आने से नहीं रोकना चाहिए, चाहे यह अजमेर शरीफ हो या निजामुद्दीन की दरगाह।
उन्होंने कहा कि हमारी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हमसे पैसे वसूलने का कारोबार जारी नहीं रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके विदेश कार्यालय को खत लिखकर मामले पर गौर करने की गुजारिश की है।
सिंह ने कहा कि उनका मानना है कि पहचान साक्ष्य के तौर पर आधार कार्ड को स्वीकार करना चाहिए, ताकि जो गरीब लोग पासपोर्ट नहीं बनवा सकते हैं, वह भी करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकें।
सिंह ने करतारपुर गलियारा खोल कर शांति की ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इमरान खान के प्रति आभार व्यक्त किया।
सिंह ने उम्मीद जताई कि यह पाकिस्तान में भारतीयों को प्रार्थना करने के लिए अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को खोलने का रास्ता बनाएगा।
सिंह ने पांच-छह दिसंबर को होने वाले 'प्रोग्रेसिव पंजाब इंवेस्टर्स समिट' में हिस्सा लेने के लिए ब्रिटेन के कारोबारियों से अपील की।
वहीं, अलगाववादी समूह 'सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) ने बर्मिंघम में आयोजित कार्यक्रम में कथित रूप से बाधा डाली और नारेबाजी की। मुख्यमंत्री सिंह ने इस संगठन के पीछे आईएसआई का हाथ बताया।
भारत सरकार ने खालिस्तान समर्थक 'रेफरेंडम 2020' दुष्प्रचार के लिए इस संगठन को हाल में प्रतिबंधित किया है।
इस बीच, चंडीगढ़ में पंजाब सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में एसएफजे के प्रदर्शन को विफल बताया।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि मुट्ठी भर लोग वहां जमा हो गए और उन्हें किसी का समर्थन नहीं था और उन्हें मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में बाधा डालने में भी कामयाबी नहीं मिली।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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