लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बधाई देते हुए कहा है कि 26 नवम्बर 1949 को बाबा साहेब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर जी की अगुवाई में भारत के संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित गया था। संविधान में ही नागरिकों की स्वतंत्रता और चतुर्दिक सुरक्षा का मूल निहित है। इस संविधान से ही हम भारतीयों को समानता और सम्मान से जीने का अधिकार मिला। लेकिन मौजूदा सत्ता में इसकी मौलिकता पर हो रहा प्रहार हमें एकजुट हो इसकी रक्षा के लिए प्रतिबद्ध करता है। आज संविधान एवं संस्थानों को बचाना हर भारतीय की प्राथमिकता होनी चाहिए।
अखिलेश यादव आज यहां पार्टी मुख्यालय के डाॅ0 राममनोहर लोहिया सभागार में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सघन जनसम्पर्क करते रहें। संविधान बचाने के लिए जागरूकता आवश्यक है। हमें संविधान की मूलभावना की जानकारी जनता तक पहुंचाना होगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि वर्तमान सत्तारूढ़ दल लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रहा है। भाजपा सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ना अपना राजनीतिक कर्म मानती है। नैतिक मूल्यों के प्रति भाजपा की रूचि नहीं है। वह येनकेन प्रकारेण सत्ता से जुड़कर अपने स्वार्थ साधन में लगी रहती है। उससे राजनीति में शुचिता तथा पारदर्शिता की उम्मीद नहीं की जा सकती है। यह लोकतंत्र के साथ धोखा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा गरीबों, पिछड़ों, अनुसूचित समाज से चिढ़ी हुई है। उसके निजीकरण की नीति से सामाजिक न्याय को भारी नुकसान होगा। समाज के कमजोर वर्ग की जगह उसकी प्राथमिकता में कारपोरेट घरानों का हित साधन है। ऐसे में पारदर्शी समाजवादी व्यवस्था की स्थापना के लिए संकट की स्थिति बन गई है। भाजपा राज में पीड़ितों की तो एफआईआर तक दर्ज नहीं होती है। पुलिस प्रशासन का रवैया ठीक नहीं है।
अखिलेश यादव से आज विधानसभा के पूर्व स्पीकर श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने मिलकर कई मुद्दों पर चर्चा की। मौलाना अब्दुल कय्याम रहमानी फाउण्डेशन के अध्यक्ष श्री बदरे आलम ने ज्ञापन देकर बताया कि सिद्धार्थनगर के बढनी ब्लाक के ग्राम खैरी उर्फ झुगहवां और भटियार उर्फ भुतहवा के जिन राजभर परिवारों के मकान सड़क चैड़ीकरण के लिए तोड़े गए उनको मुआवजा भी नहीं मिला। इन गरीबों को बेघर भी कर दिया गया है, यह घोर अन्याय है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ