नयी दिल्ली,: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री वी के सिंह ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में बुनियादी ढांचा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार अगले पांच साल में 15 लाख करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजनाओं को पूरा करेगी।
सिंह ने बुधवार को यहां डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के 'इन्फ्रा अवार्ड्स 2019' को संबोधित करते हुए कहा कि बुनियादी ढांचा ऐसा क्षेत्र है जो बड़ी संख्या में रोजगार देता है और साथ ही यह अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में भी सहायक होता है।
अर्थव्यवस्था में सुस्ती को सिंह ने एक 'अस्थायी दौर' करार दिया।
मंत्री ने कहा, ''अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधारने में बुनियादी ढांचा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। चाहे रेलवे हो या सड़क या हवाई अड्डा अथवा संचार सभी अर्थव्यवस्था की स्थिति में तेजी से सुधार करने वाले क्षेत्र होंगे।''
उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि में सुधार में बुनियादी ढांचा क्षेत्र की भूमिका का पता इस तथ्य से ही लगता है कि इसी क्षेत्र ने 1930 के दशक में अमेरिका की अर्थव्यवस्था को महामंदी से उबारा था।
सिंह ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है। ऐसे में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल कर पाना संभव है।
इस मौके पर एचसीसी को बोगीबील रेल सह सड़क परियोजना और लार्सन एंड टुब्रो को नागपुर में स्मार्ट शहर समाधान परियोजना के लिए पुरस्कृत किया गया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ