1 दिसम्बर को निजीकरण व बेरोजगारी, ई वी एम के मुद्दों को लेकर डॉ उदित राज दिल्ली में करेंगे रैली

नई दिल्ली : डॉ उदित राज के नेतृत्व में देश के सभी दलित-आदिवासी-पिछड़े व अल्पसंख्यक संगठनों के तत्वावधान में आगामी 1 दिसम्बर 2019 को निजीकरण व बेरोजगारी, ई वी एम की बेईमानी, उच्च न्यायपालिका में आरक्षण, संविधान व लोकतंत्र पर मंडरा रहे खतरे एवं भागीदारी के सवाल पर दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली का आयोजन किया जा रहा है | इस रैली में पूरे देश से बड़ी संख्या में आमजन समेत अलग- अलग क्षेत्र से जुड़े हजारो युवा ,किसान, छात्र- नौजवान, कर्मचारी – अधिकारी शामिल होंगे | 
हमने इस रैली के लिए नारा दिया है कि सबका झंडा , सबका मान सबको मिलेगा समुचित सम्मान | इस रैली में देश के हजारों संगठन अपने झंडे और बैनर के साथ शामिल होंगे. निजीकरण कि मार झेल रहे दर्जनों कंपनियों यथा बी पी सी एल , कोनकर, रेलवे , एयर इण्डिया , बी एस एन एल , एम टी एन एल , गेल , भेल जैसी कंपनियों के लाखों कर्मचारी – अधिकारी भी इस रैली का हिस्सा होंगे | पूरे देश में कर्मचारियों  के हित की  लड़ाई लड़ने वाले तमाम कर्मचारी संगठन भी इस रैली में भागीदार होने जा रहे हैं | 
आज देश के जो हालात हैं वह आम नागरिकों को चिंता में डालने वाले हैं | चाहे रोजगार का सवाल है, चाहे शिक्षण संस्थानों की  हालत हो, चाहे आदिवासियों के जल- जंगल से जुड़ा हुआ मामला हो , अर्थव्यवस्था का प्रश्न हो | हर मोर्चे पर यह सरकार विफल दिखती है | 
निजीकरण से बर्बाद हो रहा मुल्क 
' देश नहीं बिकने दूंगा ' का नारा देने वालों ने देश को खुद ही बेचने की सौगंध खा ली है | कितना शर्मनाक है कि देश की वित्तमंत्री खुद ही सरकारी संस्थानों को बेचने की बात कर रही है | इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि सरकार ने 28 सरकारी कंपनियों को बेचने की घोषणा की है. कोनकर के श्री विनय चौधरी समेत अलग संगठनों के लोगों कि उपस्थित रहकर अपने हक अधिकार की बात करेंगे |  भारत आज जिस जगह खड़ा है उसका निर्माण नेहरु, अम्बेडकर और गांधी जैसे महापुरुषों समेत देश कि मेहनतकश आवाम ने अपने खून पसीने से किया है | आज कुछ सियासतदान पूरे देश को कौड़ियों के भाव बेच रहे हैं | रेलवे, कोंकोर,बीपीसीएल, एयरपोर्ट ऑथोरिटी और शिपिंग समेत दर्जनों कम्पनियाँ बिक रही हैं. सबसे दुखद यह है कि इसमें कई कम्पनियाँ लाभ में चल रही है | देश की  संपत्ति को कौड़ियों के भाव बेचा जाय यह किसी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जाएगा |
संदेह के घेरे में ई वी एम 
आजाद भारत में शायद यह पहली बार हो रहा है कि चुनाव आयोग कि विश्वसनीयता संदिग्ध हो गयी है | ई वी एम को लेकर अलग- अलग इलाकों से जो मीडिया रिपोर्ट्स आ रही है उसने पूरी चुनाव व्यवस्था को संदेह के घेरे में आ गया है. बहुत ही औसत बुद्धि का व्यक्ति भी इस बात से इनकार नहीं कर सकता है कि दुनिया कि हर मशीन टेम्पर्ड की जा सकती है | दुनिया के हर विकसित देश ने आज ई वी एम को नकार दिया है | चुनाव की प्रूरी प्रक्रिया लोकतंत्र के स्तम्भ और आमजनों के राजनीतिक समझ को अभिव्यक्त करती है | मेरा यह साफ़ मानना है कि ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव हो ताकि आम लोगों का विस्वास लोकतंत्र में बना रहे  | 
डिग्री लेकर भटक रहे हैं युवा 
देश के सभी केन्द्रीय, राज्य और अलग अलग संस्थानों से लाखों विद्यार्थी स्नातक समेत कई डिग्रियां लेकर बाज़ार में भटक रहे हैं | बेरोजगारी दर पिछले 46 सालों के अपने शीर्ष पर हैं | हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया था | रिपोर्ट्स कि माने तो 2016- 2018  के बीच लगभग 50 लाख लोग बेरोजगार हुए| बेरोजगारी से परेशान युवाओं के आत्महत्या की खबर हर दिन अखबार की सुर्खियाँ हैं | एक तरह विश्वविद्यालयों में न लैबोरेटरी है, न पुस्तकालय हैं न गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पा रही है | किसी तरह युवा डिग्री ले भी ले तो उनके लिए रोजगार नही है | पिछले दिनों जे एन यू कि फीस वृद्धि का मामला सुर्ख़ियों में रहा | फीस वृद्धि के रास्ते गरीबों, महिलाओं और बहुजनो के शिक्षा प्राप्ति की राह में रोड़ा अटकाया जा रहा है | जिस तरह से अपनी मांगों को लेकर आवाज़ उठा रहे जे एन यू के बच्चों पर लाठियां बरसाई गयी वह शर्मनाक है | हम उन युवाओं के हक़ अधिकार पर किसी भी हालत में हमला बर्दाश्त नही करेंगे | देश के कई छात्र संगठनों के प्रतिनिधि और छात्र नेता इस रैली में सक्रीय भागीदारी करेंगे |
आरक्षण पर हो रहे हैं हमले 
डॉ उदित राज ने कहा कि- निजीकरण के रास्ते बहुजनो के संवैधानिक आरक्षण पर हमले तेज कर दिए गए हैं. एक ख़ास समुदाय द्वारा समाज में यह भ्रम फैलाया जाता रहा है कि आरक्षण एक खैरात है | असल में लोगों को यह समझना पड़ेगा कि आरक्षण असल में प्रतिनिधित्व से जुड़ा अधिकार है | सरकार असल में जिस तरह से निजीकरण कर रही है, उससे सरकार कि मंशा का साफ़ पता चलता है कि उनका असली निशाना आरक्षण है |  तमाम सरकारी पद खाली पड़े हुए हैं | इस सरकार के गठन में बाद से भर्तियाँ लगभग बंद हैं | इसका सबसे अधिक असर बहुजनो पर पड़ा है | हमारा मानना है कि पूरी दुनिया कि सबसे बड़ी क्रान्ति आरक्षण के माध्यम से हुयी है. हमारा स्पष्ट माना है कि देश के तमाम संसाधनों पर सभी को अधिकार है. एक ख़ास वर्ग ने तमाम संशाधनो पर कब्ज़ा कर एक बड़े हिस्से की हकमारी की  है | निजीकरण में आरक्षण कि मांग हम लम्बे समय से करते रहे हैं, निजी क्षेत्र में आरक्षण एक तार्किक और न्यायपूर्ण मांग है | 
न्यायपालिका में आरक्षण 
डॉ उदित राज ने कहा कि -हर क्षेत्र में बहुजनो के समुचित भागीदारी हमारी प्रमुख मांग है, न्यायपालिका भी इससे अलग नहीं है | न्यायपालिका में भी आरक्षण लागू करके सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किये जाने से आमजनों का विश्वास न्यायव्यवस्था पर बढेगा | आज भी देश के जेलों में सबसे ज्यादा दलित, आदिवासी, पिछड़े और मुसलमान ही बंद हैं | ये आंकड़े बहुजनों के मन में न्यायपालिका के प्रति अविश्वास पैदा करने के लिए काफी हैं. 
डॉ उदित राज ने कहा कि तमाम समस्याओं को लेकर आगामी 1 दिसम्बर 2019 को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली का आयोजन किया जा रहा है. इस रैली के माध्यम से देश के गूंगी- बहरी जनविरोधी सरकार के खिलाफ आरपार कि लडाई का ऐलान होगा.


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