कांग्रेस ने यूरोपीय संघ के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि इस 'कूटनीतिक त्रासदी' के कारण भारत के आंतरिक मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण हुआ है।
पार्टी ने यह भी कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारतीय सांसदों को रोकना और विदेशी नेताओं को वहां जाने की अनुमति देना ''अनोखा राष्ट्रवाद'' है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'कश्मीर में यूरोपीय सांसदों को सैर-सपाटा और दखलंदाजी की इजाजत.... लेकिन भारतीय सांसदों और नेताओं को पहुँचते ही हवाई अड्डे से वापस भेजा गया ! यह बड़ा अनोखा राष्ट्रवाद है।'
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, ''सरकार ने त्रुटिपर्ण जनसंपर्क का प्रयास किया है और ऐसे व्यक्तियों को प्रायोजित किया है जिनकी विश्वसनीयता पर सवाल है। ये यूरोपीय सांसद जिन पार्टियों एवं विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं वो मुख्यधारा के बिल्कुल उलट हैं। इस कूटनीतिक त्रासदी की परिणति उस मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण करने के साथ हुई है जो बुनियादी रूप से हमारा आंतरिक विषय है।''
उन्होंने कहा, ''यह राष्ट्रीय शर्म का विषय है। लोगों की जवाबदेही तय होनी चाहिए।''
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि यूरोपीय सांसदों को जम्मू-कश्मीर जाने देना और भारतीय सांसदों को वहां जाने से रोकना देश की संसद और लोकतंत्र का अपमान है।
दरअसल, यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पहुंचा। यह शिष्टमंडल जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद वहां की स्थिति का आकलन करेगा।
ये सांसद जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनके अनुभव जानना चाहते हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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