मॉब लिंचिंग के शिकार हुए पहलू खान राजस्थान हाईकोर्ट से गौतस्करी के आरोप से हुए बरी



    


"राजस्थान हाई कोर्ट ने पहलू खान और उसके दोनों बेटों पर दर्ज मामले को रद्द किया। कोर्ट ने 'राजस्थान गोवंश संरक्षण कानून' और अन्य धाराओं के तहत चारों के खिलाफ दर्ज मामले और आरोप पत्र को रद्द करते हुए कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो रेखांकित करता हो कि गायों को वध के लिए ले जाया जा रहा था।" 


जयपुर- मॉब लिंचिंग के बहुचर्चित पहलू खा प्रकरण में आज पहलू खा व उसके बेटों को राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर से आखिर आज न्याय मिल ही गया। जब न्यायाधीश पंकज भण्डारी ने एफआईआर नम्बर253/2017 के तहत पहलू खा व उसके दोनों बेटों के विरुद्ध राजस्थान बोवाईन एक्ट अन्तर्गत पुलिस व सरकार द्वारा फ़ाइल चार्जशीट को रद्द  कर दिया।
      .       ज्ञात रहे कि पहलू खा मर्डर की एफआईआर 255/2017 दर्ज करने से पहले यह मुकदमा परिवार पर दबाव बनाने के मकसद से किया गया था। मजबूरन पहलू खा के बेटों व उनके साथियों को हाईकोर्ट से ही अग्रिम जमानत करानी पड़ी थीं। जिसका अनेक लोगों ने विरोध भी किया था। लेकिन इस जमानत की बदौलत ही यह सब लोग अपने मुकदमे की पैरवी कर पाये।
          अलवर के स्थानीय वकील कासिम खान मन्नाका ने बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर में इस प्रकरण की पैरवी उच्च न्यायालय के वकील  कपिल गुप्ता एडवोकेट ने की।


  न्यायमूर्ति पंकज भंडारी की एकल पीठ ने 'राजस्थान गोवंश संरक्षण कानून' और अन्य धाराओं के तहत चारों के खिलाफ दर्ज मामले और आरोप पत्र को रद्द करते हुए कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो रेखांकित करता हो कि गायों को वध के लिए ले जाया जा रहा था। अदालत ने यह फैसला ट्रक चालक खान मोहम्मद और पहलू खान के दो बेटों की ओर से दायर याचिका पर सुनाया। आरोपियों की ओर से पेश वकील कपिल गुप्ता ने कहा कि आपराधिक मामला कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है क्योंकि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो कि गायों को वध के लिए ले जाया जा रहा था।  गुप्ता ने दावा किया कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने साबित किया था कि गायें दुधारू थीं और उनके बछड़े केवल एक महीने के थे।


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