दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में डीटीसी और क्लस्टर बसों में महिलाओं के लिए यात्रा मुफ्त किये जाने से चार दिन पहले शुक्रवार को 104 नयी बसों को हरी झंडी दिखायी।
केजरीवाल ने द्वारका सेक्टर 22 स्थित एक बस डिपो में बसों को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि यह कदम दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करेगा।
गत अगस्त में मुख्यमंत्री ने महिलाओं के लिए 29 अक्टूबर, भाई दूज से डीटीसी बसों और क्लस्टर बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा कि आप सरकार अगले सप्ताह तक शहर की बसों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बसों में मार्शल की नियुक्ति करेगी।
बसें आधुनिक तकनीक से लैस हैं जिसमें सीसीटीवी कैमरे और महिलाओं की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन, दिव्यांग यात्रियों के लिए हाईड्रॉलिक लिफ्ट शामिल हैं।
केजरीवाल ने कहा, ''इन बसों के अलावा क्लस्टर योजना में 1000 लोफ्लोर एसी बसें भी शामिल की जाएंगी। ये बसें दिव्यांग व्यक्तियों, वृद्ध जनों, बच्चों और महिलाओं के सवार होने और उतरने के अनुकूल होंगी।''
उन्होंने कहा कि तीन क्लस्टरों के लिए 650 लोफ्लोर बसों के लिए निविदा परिवहन विभाग द्वारा पहले ही प्रदान किया जा चुकी है और ये बसें जनवरी 2020 से शुरू होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाकी 350 बसों के लिए निविदा जल्द जारी की जाएगी।
दिल्ली सरकार साथ ही चरणबद्ध तरीके से 1000 इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल करेगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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