लखनऊ - कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए कहा की तमाम संवैधानिक संस्थाओं के आंकड़े छिपाने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने दो साल की देरी से नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो 2017 की रिपोर्ट जारी कर दी है। आंकड़े गवाह हैं कि जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की 2017 में सरकारें थीं वहां पर हत्या, अपहरण, महिलाओं पर अत्याचार, बच्चों का अपहरण एवं शोषण, आर्थिक अपराध, भ्रष्टाचार, दलितों के खिलाफ अत्याचार लगातार बढ़ा एवं देश में अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक रहा जो इनकी असफल सरकार का द्योतक है। परिस्थितियां लगातार बदतर हुई हैं और भाजपा की राज्य सरकारें आज भी उपरोक्त अपराधों को रोकने में अक्षम साबित हो रही हैं तथा तमाम अपराधों में उनके नेताओं की संलिप्तता एवं संरक्षण उजागर हो रहे हैं।
देश की राजधानी दिल्ली आपराधिक राजधानी के रूप में सामने आयी है जहां पर अपराध सर्वाधिक बढ़े हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, असम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य जहां पर 2017 में भाजपा की सरकारें थीं, वहां उपरोक्त सभी प्रकार के अपराधों में उक्त राज्य क्रमवार शीर्ष स्थानों पर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी प्रशासन सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने आज जारी बयान में कहा कि हत्या, साइबर क्राइम, दलितों के प्रति अत्याचार, बच्चों के खिलाफ आपराधिक घटनाओं एवं महिला अत्याचारों में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे रहा है। वर्ष 2017 में 4324 हत्या के मामले, अनु0जाति के खिलाफ 11444 मामले, 4971 साइबर क्राइम के मामले, 19145 बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले तथा 359849 मामले महिला अत्याचारों के दर्ज हुए। बाल अत्याचारों के मामले में सर्वाधिक 28 प्रतिशत की वृद्धि बेहद चिन्ताजनक विषय है। वहीं अपहरण के मामलों में 9 प्रतिशत की वृद्धि सरकार की अकर्मण्यता का सबूत है।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मार्च 2017 से सत्ता में आयी योगी सरकार ने उ0प्र0 में जंगलराज कायम कर दिया है। यह भयावह स्थिति तब है जब तमाम सारे आपराधिक मुकदमंे शासन-प्रशासन द्वारा दर्ज ही नहीं किये जाते हैं। इन आंकड़ों के आधार पर उन्होने उ0प्र0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल इस्तीफे की मांग की है और कहा है कि उन्हें गोरखपुर वापस जाकर शान्तिपाठ एवं प्रायश्चित करना चाहिए।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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