गजरौला। थाना क्षेत्र की अैद्योगिक चौकी के एसआई व एक कांस्टेबल ने इंसानियत का ऐसा परिचय दिया कि इस कहानी को सुनकर दंग जरूर रह जायेंगे। सच्चाई लिखना भी लेखक की मजबूरी होती है। क्योंकि न जाने देश में ऐसे कितने जाबांज दरोगा व कांस्टेबल है जो अपनी ईमानदारी के बल अपना काम करते हैं। बताते चले कि जनपद मुरादाबाद के थाना मैनाठेर क्षेत्र के गांव गुरेर निवासी नदीम अहमद पुत्र जमील अहमद मुरादाबाद से दिल्ली जा रहा था। अचानक उसका बैग यूएस बिस्कुट फैक्ट्री के सामने गिर गया था। जिसमे कपड़े ,एक मोबाइल, व परस में रखे साढ़े चार हजार रुपये, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि सामान था। जैसे ही वह बैग औधोगिक चौकी इंचार्ज सुकरामपाल राणा व कांस्टेबल 1056 दिलशाद को मिला तो तभी उसके कागजों में लिखे मोबाईल नम्बर के साहयता से नदीम को फोन के द्वारा संपर्क कर बैग ,मोबाइल, साढ़े चार हजार रुपये सुपुर्द कर दिया। गजरौला पुलिस ने अपनी कर्तव्य निष्ठा व ईमानदारी का जो सबूत दिया है, उसकी क्षेत्र में चर्चा है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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