दिवाली पर हरियाणा में नयी सरकार का शपथ ग्रहण

हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने शनिवार को मनोहर लाल खट्टर को प्रदेश में अगली सरकार बनाने का न्यौता दिया। इससे पहले भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद खट्टर ने जजपा और सात निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ प्रदेश में सरकार गठन का दावा पेश किया था।

खट्टर ने बताया कि 57 विधायकों, जिनमें भाजपा के 40, जजपा के 10 और सात निर्दलीय विधायक शामिल हैं, के समर्थन के साथ सरकार गठन के लिये राज्यपाल के समक्ष दावा पेश किया। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिये 46 सीटें होना जरूरी है।

खट्टर ने बताया कि हरियाणा के राज्यपाल ने हमें रविवार को सरकार गठन का न्योता दिया है।

खट्टर ने कहा, “राज्यपाल ने हमारे दावे को स्वीकार कर हमें रविवार को सरकार बनाने का न्योता दिया है।” खट्टर ने कहा कि दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे।

खट्टर ने बताया कि वह रविवार दोपहर सवा दो बजे राजभवन में शपथ लेंगे।


उन्होंने कहा कि उनके साथ जो मंत्री शपथ लेंगे उनके नामों की जानकारी रविवार को दी जाएगी।

भाजपा ने हालांकि कहा है कि वह सरकार गठन के लिये विवादित नेता और सिरसा से विधायक गोपाल कांडा का समर्थन नहीं लेगी, जो आत्महत्या के लिये उकसाने के दो मामलों में आरोपी हैं।

विधायक दल की बैठक में यहां भाजपा महासचिव अरुण सिंह के साथ मौजूद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भाजपा कांडा का समर्थन नहीं लेने जा रही है।”

दुष्यंत ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा और जजपा ने पांच सालों तक स्थायी सरकार देने का फैसला लिया है।

जजपा के जनता के मत का सम्मान नहीं करने के कांग्रेस के आरोप के बारे में पूछे जाने पर दुष्यंत ने कहा, “मैं पूछना चाहता हूं: क्या हमने यह चुनाव कांग्रेस के साथ लड़ा? लोगों ने यह जनादेश हमें कांग्रेस के खिलाफ भी दिया है।”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस वह पार्टी है जो देवीलाल ने 1977 से पहले छोड़ दी थी। हरियाणा में कांग्रेस का नेतृत्व वो लोग कर रहे थे जिन्होंने 10 सालों तक देश को लूटा, 63 हजार एकड़ जमीन बेची, राज्य में सीएलयू गिरोह सक्रिय था।”

उनके पिता अजय चौटाला के दो हफ्तों के लिये फरलो पर रिहा होने के बारे में दुष्यंत ने कहा कि जेल नियमावली के मुताबिक वह रविवार से पहले जेल से बाहर नहीं आ सकते थे क्योंकि प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू थी।

उन्होंने कहा, “वह परिवार के साथ दिवाली मनाने के लिये बाहर आ रहे हैं।”

इससे पहले खट्टर और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों ने राज्यपाल को अपने इस्तीफे सौंपे, जिसे स्वीकार कर लिया गया। राज्यपाल ने खट्टर ने नयी सरकार के कार्यभार संभालने तक अंतरिम मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है।

इससे पहले मनोहर लाल खट्टर को शनिवार को यहां आम सहमति से भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। भाजपा ने दावा किया कि वह जजपा के समर्थन से “स्थायी और ईमानदार” सरकार चलाएंगे।

भाजपा ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश की गठबंधन सरकार में सिर्फ एक उप मुख्यमंत्री होगा।
खट्टर के नाम का प्रस्ताव विधायक अनिल विज और कंवर पाल ने किया जबकि घनश्याम सर्राफ और बनवारी लाल समेत पार्टी के अन्य विधायकों ने इसका अनुमोदन किया।

जजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद दुष्यंत ने यहां खट्टर से मुलाकात की।

मुलाकात के बाद खट्टर, दुष्यंत सात निर्दलीय विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे। दुष्यंत और निर्दलीय विधायकों ने राज्यपाल को अपने समर्थन पत्र सौंपे।

प्रसाद ने पूर्व में कहा था कि भाजपा हरियाणा में “स्थायी, ईमानदार और प्रभावी” सरकार देगी।

नये मंत्रिमंडल में किन्हें जगह मिलेगी यह पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है, वह शपथ ग्रहण के बाद इस बारे में फैसला लेंगे।



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