डिजिटल रिपोर्टर्स डाइजेस्ट : अमरोहा-- बहनों ने अपने भाइयों का गोले से तिलक कर और मिठाई खिलाकर उनके लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना की। और भाइयों ने भी बहनों को सुरक्षा का वचन देकर उपहार भेंट किये। दिपावली के त्यौहार के तीसरे दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। और उनकी मंगल कामना करते हुए उनका गोले से तिलक करती हैं। उसके बाद ही बहने भोजन ग्रहण करती हैं। भैया दूज का त्यौहार क्यों मनाया जाता है। इसके बारे में एक धार्मिक महत्व है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार सूर्य की संज्ञा से दो संताने थी। एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना, संज्ञा सूर्य का तेज सहन न कर पाने के कारण अपनी छाया मूर्ति का निर्माण कर उसे ही अपने पुत्र-पुत्री को सौंप कर वहां से चली गई। छाया को यम और यमुना से किसी प्रकार का लगाव ना था। लेकिन यम और यमुना में बहुत प्रेम था। यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्यार करते थे।, लेकिन ज्यादा काम होने के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते। एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी दूर करने के लिए मिलने चले गए। यमुना अपने भाई को देख कर खुश हो गई। भाई के लिए खाना बनाया और आदर सत्कार किया। बहन का प्यार देखकर यमराज इतने खुश हुए कि उन्होंने खूब सारे भेंट दिए। यम जब बहन से मिलने के बाद विदा लेने लगे तो बहन यमुना से कोई भी अपनी इच्छा का वरदान मांगने के लिए कहा। यमुना ने उनके इस आग्रह को सुनकर कहा कि अगर आप मुझे वर देना ही चाहते हैं। तो यही वर दीजिये कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आए। और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे कहा जाता है। इसी के बाद हर साल भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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