महाराष्ट्र में भाजपा की गठबंधन सहयोगी शिवसेना जहां सत्ता में बराबरी की हिस्सेदारी की मांग कर रही है वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने शनिवार को जोर देकर कहा कि भाजपा सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है और “भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन” प्रदेश में स्थिर सरकार देगा।
दिवाली के अवसर पर एकत्रित हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए फड़णवीस ने कहा कि सरकार बनाने की प्रक्रिया दिवाली के बाद शुरू होगी। गौरतलब है कि चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना ने सत्ता में आधी हिस्सेदारी मिलने का आश्वासन लिखित में मांगा है।
फड़णवीस ने कार्यक्रम में कहा, “जनादेश में भाजपा, शिवसेना (और अन्य सहयोगियों) आरपीआई, आरएसपी और शिव संग्राम को स्पष्ट बहुमत मिला है। इस जनादेश का सम्मान किया जाएगा इसमें किसी को शंका नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “जनादेश के मुताबिक भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। हम दिवाली के बाद विधायक दल का नेता चुनेंगे और उसके बाद जल्द ही नई सरकार का गठन होगा। भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन मजबूत और स्थिर सरकार देगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा का स्ट्राइक रेट 2014 से बेहतर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2014 में 260 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 47 प्रतिशत सीटें जीती थीं और कुल मतों का 28 प्रतिशत प्राप्त किया था जबकि 2019 में भाजपा ने 150 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से 70 प्रतिशत सीटें जीतीं और 26 प्रतिशत मत प्राप्त किया।
फड़णवीस के अनुसार किसी भी पार्टी द्वारा हासिल किया गया यह सबसे अच्छा 'स्ट्राइक रेट' था।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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