बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के अध्यक्ष नजमुल हसन ने आरोप लगाया है कि बांग्लादेश के आगामी भारत दौरे को नुकसान पहुंचाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और देश के शीर्ष क्रिकेटरों की 11 मांगों को लेकर की गई हड़ताल इसका हिस्सा है।
तीन टी20 और दो टेस्ट के बांग्लादेश के चार हफ्ते के भारत दौरे से पहले बांग्लादेश के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी स्तर पर बेहतर वेतन को लेकर हड़ताल की थी लेकिन बीसीबी के मांग मानने पर सहमत होने के बाद इसे वापस ले लिया था।
हसन ने शीर्ष बंगाली दैनिक 'प्रोथोम आलो' को दिए साक्षात्कार में कहा, ''आप लोगों (मीडिया) ने भारत दौरे को लेकर अब तक कुछ नहीं देखा है। इंतजार कीजिए और देखिए। अगर मैं कह रहा हूं कि मेरे पास सूचना है कि यह भारतीय दौरे को नुकसान पहुंचाने का षड्यंत्र है तो आपको मुझ पर विश्वास करना चाहिए।''
वह ऐसा क्यों सोचते हैं जब इस बारे में विस्तार से बताने को कहा गया तो हसन ने संदेह जताया कि जिस तरह सीनियर सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल अपनी पत्नी के प्रसव का हवाला देकर दौरे से हट गए जबकि शुरुआत में वह सिर्फ अंतिम टेस्ट से बाहर रहने पर सहमत हुए थे।
हसन ने कहा, ''तमीम ने शुरुआत में मुझे बताया था कि वह अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण सिर्फ दूसरे टेस्ट (कोलकाता में 22 से 26 नवंबर) से बाहर रहेंगे। हालांकि खिलाड़ियों के साथ बैठक के बाद तमीम मेरे कमरे में आया और कहा कि वह पूरे दौरे से बाहर रहना चाहता है। मैंने उससे पूछ कि 'ऐसा क्यों'? लेकिन उसे सिर्फ इतना कहा कि वह नहीं जाएगा।''
बांग्लादेश के 30 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम है लेकिन बीसीबी अध्यक्ष को संदेह है कि कुछ और खिलाड़ी दौरे से हट सकते हैं।
उन्होंने कहा, ''इसके बाद मुझे हैरानी नहीं होगी अगर अंतिम लम्हें में कोई और दौरे से हट जाए, जब हमारे पास कोई और विकल्प नहीं बचेगा। मैंने शाकिब को बात करने के लिए बुलाया था। अब अगर वह भी दौरे से हट जाता है तो हम मैं कप्तान कहां से लेकर आऊंगा? मुझे पूरा संयोजन बदलना पड़ सकता है।''
सीनियर खिलाड़ियों द्वारा अपनाई रणनीति से हसन हैरान हैं और उनका मानना है कि उनकी मांगों पर सहमत होकर उन्होंने गलती की है।
उन्होंने कहा, ''मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा। मैं प्रत्येक दिन उनके साथ बात कर रहा हूं। हड़ताल करने से पहले उन्होंने मुझे जानकारी भी नहीं दी। मुझे लगता है कि उनकी मांगें मानकर मैंने गलती की। मुझे कभी ऐसा नहीं करना चाहिए था।''
हसन ने कहा, ''मुझे खिलाड़ियों को कहना चाहिए था कि जब तक आप हड़ताल खत्म नहीं करते हम आपके साथ बैठकर कोई बात नहीं करेंगे। बोर्ड के विभिन्न सदस्यों से बात करते हुए मैंने महसूस किया कि हमारा रवैया ऐसा नहीं होना चाहिए था लेकिन मीडिया ने भी हमारे ऊपर दबाव बनाया।''
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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