अपना कार्यकाल पूरा करूंगा: येदियुरप्पा

कर्नाटक में बी एस येदियुरप्पा नीत भाजपा सरकार दो नवम्बर को सत्ता में 100 दिन पूरा करने वाली है और राज्य के मुख्यमंत्री ने बुधवार को विश्वास जताया कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।

येदियुरप्पा ने इस बात से इनकार किया कि पार्टी आलाकमान उन पर नियंत्रण का प्रयास कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें ''खुली छूट'' मिली हुई है।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ''मैंने 100 दिन प्रशासन कैसे चलाया है, मुझे किन मुद्दों का सामना करना पड़ा है, मुझसे बेहतर आप जानते हैं। यह मुख्यमंत्री और किसी भी नेता की जिम्मेदारी होती है कि वह इन सबके बीच प्रशासन चलाये। मैं अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा हूं। मैं सभी को साथ लेकर चलने का प्रयास कर रहा हूं, वह चाहे सत्तापक्ष हो या विपक्ष।''

उन्होंने विश्वास जताया कि वह अपने प्रयासों में 100 फीसदी सफल होंगे। उन्होंने कहा, ''मैं अपने बाकी बचे साढ़े तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करूंगा। मुझे इसको लेकर विश्वास है। मैं आपको केवल यही बता सकता हूं कि केंद्रीय नेताओं को मुझ पर विश्वास है और मुझे इसीलिए राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया।''

उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि उन्हें पार्टी के सांसदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं की ओर से कार्यकाल पूरा करने के लिए पूरा सहयोग मिलेगा।

येदियुरप्पा प्रेस क्लब आफ बेंगलुरू एंड रिपोर्टर्स गिल्ड द्वारा आयोजित 'प्रेस से मिलिये' कार्यक्रम में इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि प्राकृतिक आपदाओं और पार्टी के भीतर दिक्कतों के चलते सत्ता में उनके 100 दिन ''खुशी भरे'' नहीं रहे और पार्टी आलाकमान उन्हें ''नियंत्रित करने'' का प्रयास कर रहा है।

येदियुरप्पा को कांग्रेस..जद (एस) सरकार गिरने के तीन दिन बाद 26 जुलाई को चौथी बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलायी गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव विधानसभा में गिर गया था।

विपक्ष और मीडिया के एक वर्ग द्वारा येदियुरप्पा के कार्यकाल पूरा नहीं करने को लेकर दावे किये जाते रहे हैं। इसके लिए येदियुरप्पा की अधिक आयु और उनकी सरकार गिरने और राज्य में मध्यावधि चुनाव होने संबंधी अटकलों को कारण बताया जाता है।

येदियुरप्पा ने कहा, ''हमारी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है और हमें कुछ सीमाओं में काम करना होता है, यही हमारे केंद्रीय नेतृत्व की उम्मीद होती है। यद्यपि मैंने जो निर्णय किये हैं उस पर हमारे केंद्रीय नेताओं ने एक शब्द भी नहीं कहा है। मुझे खुली छूट दी गई है..कैबिनेट या किसी अन्य मामले में कोई बाधा नहीं आयी है।''

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के समक्ष चुनौती राज्य में 15 विधानसभा सीटों के लिए आगामी उपचुनाव है।

उन्होंने कहा, ''हमें कम से कम 12 से 13 सीटें जीतनी होगी, हम सभी 15 सीटें जीतने का प्रयास करेंगे, हमारे समक्ष यही प्रमुख चुनौती है। इसके साथ ही हमें बाढ़ से प्रभावित लोगों की जरूरतों को पूरा करना होगा।''

अयोग्य ठहराये गए 17 विधायकों की सीटों में से 15 सीटों पर उपचुनाव पांच दिसम्बर को होगा। इन्हीं विधायकों के इस्तीफे और विश्वासमत के दौरान अनुपस्थित रहने के चलते कांग्रेस..जद (एस) गठबंधन सरकार गिर गई थी। उसके बाद भाजपा सत्ता में आयी थी।

कांग्रेस..जद (एस) के अयोग्य ठहराये गए विधायकों को पार्टी में शामिल करने और टिकट देने तथा इसको लेकर पार्टी में असंतोष के बारे में येदियुरप्पा ने कहा, ''हमने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है, यह इस पर निर्भर करेगा कि केंद्रीय नेतृत्व क्या निर्णय करता है।''

उन्होंने कहा, ''अयोग्य ठहराये गए विधायकों की अर्जी पर चार या पांच नवम्बर को उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्णय किये जाने की उम्मीद है।''

भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए 15 सीटों के उपचुनाव में कम से कम छह सीटों पर चुनाव जीतना जरूरी है। उसके बाद भी 224 सदस्यीय विधानसभा में दो सीटें..मस्की और आर आर नगर..खाली रहेंगी।


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