ग्वालियर, - भारतीय वायुसेना का एक मिग-21 विमान बुधवार को सुबह भिंड जिले के गोहद इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें आग लग गई, लेकिन इसके दोनों पायलट समय रहते सुरक्षित बाहर निकल गए।
पुलिस और वायुसेना के कर्मचारी तुरंत हैलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचे और दोनों पायलटों का प्राथमिक उपचार कर, उन्हें अपने साथ ले गए।
वायुसेना की सेंट्रल कमांड की प्रवक्ता गार्गी मलिक ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि बुधवार की सुबह 10 बजे ग्वालियर के महाराजपुरा वायु सेना स्टेशन से भारतीय वायुसेना के एक मिग-21 ट्रेनर विमान ने उड़ान भरी। लेकिन कुछ ही देर बाद यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
उन्होंने बताया कि यह हादसा भिंड जिले की गोहद तहसील के आलोरी गांव के पास हुआ। यहां खेत में मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त होकर गिर पड़ा। दुर्घटनाग्रस्त होते ही विमान में सवार दोनों पायलट समय रहते पैराशूट के जरिए बाहर निकल गए।
विमान दुर्घटनाग्रस्त होते ही वायुसेना का हैलीकॉप्टर तुरंत मौके पर पहुंचा । दोनों घायल पायलटों को प्राथमिक उपचार के बाद, सुरक्षित वायु सेना स्टेशन लाया गया। वायुसेना ने इस हादसे की जांच के लिए 'कोर्ट ऑफ इनक्वायरी' के आदेश दिए हैं।
चंबल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डीपी गुप्ता ने बताया कि यह हादसा भिंड जिले के आलोरी गांव के पास हुआ। यहां चौधरी-का-पुरा इलाके के खेत में वायु सेना का मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
गुप्ता के अनुसार, दुर्घटना में किसी की जान नहीं गई और विमान के दोनों पायलट सुरक्षित हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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