अमरोहा। तिगरी गंगा मेला को सकुशल व शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराये जाने के सम्बन्ध में की जाने वाली व्यवस्थाओं की कार्ययोजना तैयार करने के लिए जिलाधिकारी उमेश मिश्र की अध्यक्षता में बैठक आयेजित की गई। सम्बन्धित विभागों के कार्यों पर परिचर्चा तथा मार्ग दर्शन को डीएम श्री मिश्र ने लोक निर्माण विभाग, जल निगम, पंचायती राज विभाग, विद्युत विभाग सहित सभी सम्बन्धित विभागों के विभागाध्यक्षों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शौचालय व्यवस्था, पेयजल, विद्युत, सड़क निर्माण आदि व्यवस्थाओ को पूर्व में तैयार कर लिया जाये। कहा कि किसी भी अव्यवस्था के लिये सम्बन्धित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
डीएम ने कहा कि मेले से पूर्व ही सभी तैयारियां, मार्ग व पूर्ण प्रकाश की व्यवस्था दुरूस्त कर ली जायें। सभी अधिकारी इस बात का संज्ञान ले लें कि यह तिगरी मेला राजकीय मेला घोषित किया जा चुका है। हमें इस मेंले को राजकीय मेले के स्तर का ही भव्य आयोजन कराना है। कहा कि सम्बन्धित अधिकारी गंगा नदी के तट का स्थलीय निरीक्षण कर लें ताकि आगामी होने वाले तिगरी गंगा मेला का आयोजन भव्य तरीके से किया जा सके। मेलें के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाईयों का सामना न करना पड।़े इस बात पर विशेष ध्यान दें। उन्होने कहा कि जल निगम पानी की व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए कोई ठोस निर्णय लेकर कार्ययोजना तैयार करें।
बैठक में एडीएम गुलाब चन्द्र, एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, अधिशासी अभियन्ता पीडब्ल्यूडी, अधिशासी अभियन्ता जल निगम, जिला विद्यालय निरीक्षक आदि सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ