अमरोहा जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री नरेश कुमार कौशिक के नेतृत्व में आज शिक्षक संगठनों के विभिन्न संगठनों ने एक साथ मिलकर धरना प्रदर्शन किया और प्रेरणा ऐप का विरोध करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को संबोधित 19 सूत्रीय ज्ञापन बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपा है,
आपको बता दें कि प्रेरणा ऐप का विरोध करने के लिए शिक्षक संगठनों के अलग-अलग कार्यकर्ता व पदाधिकारी बेसिक शिक्षा कार्यालय पर इकट्ठा हुए और उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी के ऑफिस के बाहर प्रांगण में  धरना  दिया यह धरना प्रदर्शन उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री नरेश कुमार कौशिक के नेतृत्व में हुआ जिसमें प्रदेश महामंत्री नरेश कौशिक ने 19 सूत्रीय मांगों से लेकर एक ज्ञापन बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपा जिसमें प्रेरणा ऐप का विरोध करते हुए उन्होंने इस ऐप को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है, उन्होंने प्रेरणा एप को शिक्षकों का हनन बताया और कहा कि महिला शिक्षकों के लिए तो यह बहुत ज्यादा हानिकारक है और उनकी निजी जिंदगी में सीधे सीधे दखल है और उनके प्राइवेट फोटो जो खींच कर के आगे भेजे जाएंगे वह कहीं ना कहीं उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय है इसीलिए हम लोग यह प्रेरणा ऍप नहीं चाहते हैं और हम लोग इसका विरोध करते हैं उन्होंने कहा कि सरकार को प्रेरणा एप वापस लेना ही होगा अन्यथा हम लोग बड़े स्तर पर आंदोलन करने की रणनीति बना रहे हैं और हम लोग इसे कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे, और ना ही इसे लागू होने देंगे,
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव  शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ  विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और  विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने  सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस  अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़  आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ  पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले  संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया  है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं  है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल  तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने  के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़  आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई  संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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