मुंबई, - राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की युवा शाखा के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। वे पार्टी प्रमुख शरद पवार और अन्य के खिलाफ एमएससीबी बैंक घोटाले के संबंध में धन-शोधन का मुकदमा दर्ज किए जाने की निंदा कर रहे थे।
राकांपा की युवा इकाई के प्रांतीय प्रमुख मेहबूब शेख की अगुवाई में प्रदर्शनकारियों ने ईडी के दफ्तर के बाहर सत्ताधारी दल भाजपा और सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
शेख ने दावा किया कि प्रदर्शन कर रहे पार्टी के सदस्यों पर पुलिस ने लाठी चलाई और बाद में उन्हें हिरासत में लिया।
उन्होंने कहा, “पवार की रैलियों में भारी समर्थन देखकर ईडी ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने के लिए ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए हमने इस कार्रवाई की निंदा करने के लिए ईडी के दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया।”
ईडी ने शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार तथा अन्य लोगों के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले के संबंध में धनशोधन का मुकदमा दर्ज किया है।
केंद्रीय एजेंसी ने धनशोधन निरोधक अधिनियम के तहत एक मुकदमा दर्ज किया है, जो मुंबई पुलिस की एक एफआईआर पर आधारित है, जिसमें बैंक के पूर्व अध्यक्ष, महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार और सहकारी बैंक के 70 अन्य पदाधिकारियों के नाम हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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