मंडावा से भाजपा ने उम्मीदवार कांग्रेस की बागी शुशीला को बनाकर समीकरण बदले।


मंडावा(झूंझुनू) -  राजस्थान मंत्रीमंडल मे जगह नही मिल पाने से नाराज चल रहे दिग्गज कांग्रेस नेता व झुंझुनूं विधायक विजेंदर ओला धड़े की अहम नेता मंडावा की पूर्व प्रधान जो वर्तमान मे कांग्रेस नेता होने के बावजूद आज शुशीला सींगड़ा को भाजपा की टिकट देकर नये समीकरणों को जन्म दे दिया है।
               


2018-के विधानसभा चुनाव मे मंडावा से भाजपा की टिकट पर नरेन्द्र खीचड़ के विधायक बनने के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव मे नरेन्द्र खीचड़ के भाजपा की टिकट पर सांसद चुने जाने से रिक्त हुई सीट पर उनके पूत्र अतुल खीचड़ का उम्मीदवार बनना लगभग तय होने के बावजूद भाजपा ने आखिरी समय मे नया दाव खेलते हुये कांग्रेस नेता व पूर्व प्रधान शुशीला सींगड़ा को भाजपा मे शामिल करके उन्हें उम्मीदवार बनाने के बाद अब कांग्रेस व भाजपा की दोनो महिला उम्मीदवारों के मध्य मुकाबला कड़ा होने की सम्भावना बन गई है।
           


झूंझुनू जिले की कांग्रेस मे पूर्व मे सालों से शीशराम ओला व चोधरी रामनारायण के अलग अलग दो धड़े कायम रहते आये थे। उन दोनो के देहांत के बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री शीशराम ओला के पूत्र विधायक विजेंदर ओला व पूर्व पीसीसी अध्यक्ष रामनारायण की पूत्री रीटा सिंह के नाम से धड़े कहलाने लगे। जिसमे ओला धड़ा काफी मजबूत हालत मे बताते है। मंडावा से दो विधानसभा चुनाव लगातार हारने के बावजूद रीटा सिंह को कांग्रेस की टिकट देने का मानस बनाने की भनक जब भाजपा को लगी तो उन्होंने कांग्रेस नेता व ओला गुट की अहम नेता पूर्व प्रधान शुशीला सींगड़ा को उम्मीदवार बनाने के बाद विधायक ओला को लेकर अनेक तरह की चर्चाएं चल पड़ी है।
         


2018 के विधानसभा चुनाव मे भी कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों ने विधायको ने विधायक ओला पर भीतरघात करके उन्हें हाराने के आरोप लगाने के बावजूद अब ओला ने रीटा की जगह किसी अन्य को कांग्रेस उम्मीदवार बनाने की मांग कांग्रेस नेताओं से करने के बावजूद कांग्रेस ने रीटा को ही उम्मीदवार बनाया है।
           


कुल मिलाकर यह है कि भाजपा द्वारा ओला गुट की नेता को भाजपा जोईन कराकर टिकट देने से शुशीला सींगड़ा व कांग्रेस उम्मीदवार रीटा के मध्य कड़ा मुकाबला होगा। दूसरी तरफ विधायक विजेन्द्र ओला की भुमिका का उम्मीदवार की जीत पर प्रभाव खासा पड़ेगा।


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