क्या यू.पी को बांटने और दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने जा रही है मोदी सरकार ? - सोशल मीडिया में ऐसी खबरों का बाजार गर्म
नई दिल्ली: मोदी सरकार क्या उत्तर प्रदेश को बांटने की रणनीति पर काम कर रही है? क्या मोदी सरकार दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के मूड में है? सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से फैल रही है। इन खबरों की मानें तो लुटियंस दिल्ली को छोड़कर बाकी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने और उत्तर प्रदेश का विभाजन कर तीन भागों में बांटने का प्रस्ताव है। हालांकि अभी इन खबरों की किसी भी स्तर पर पुष्टि नहीं हुई है।
सोशल मीडिया पर पर चल रही खबरों में बताया जा रहा है कि लुटियन्स जोन को छोड़कर बाकी दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का प्रस्ताव है। यह भी कहा जा रहा है कि हरियाणा के सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, रिवाड़ी, नूंह (मेवात), पलवल और फरीदाबाद को प्रस्तावित दिल्ली राज्य का हिस्सा बनाया जाएगा. वहीं उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल के जनपद बागपत, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड, बुलंदशहर और मेरठ दिल्ली प्रदेश में शामिल किए जा सकते हैं. दूसरी ओर, सहारनपुर मंडल के सभी तीनों जनपद हरियाणा में शामिल किए जा सकते हैं. दावा तो यह भी किया जा रहा है कि मुरादाबाद मंडल को उत्तराखंड का हिस्सा बनाया जा सकता है। मुरादाबाद मंडल में मुरादाबाद ,रामपुर , अमरोहा और संभल ज़िले आते है।
उत्तर प्रदेश को लेकर जो दावे किए जा रहे हैं, उनमें कहा जा रहा है कि दो नए राज्य बनाए जाएंगे- पूर्वांचल और बुंदेलखंड. पूर्वांचल की राजधानी गोरखपुर तो बुंदेलखंड की राजधानी प्रयागराज हो सकती है. प्रस्तावित गोरख प्रांत (पूर्वांचल) में देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, आजमगढ़, बलिया, मऊ, बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर,
गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, अम्बेडकर नगर, अयोध्या , सुल्तानपुर ,अमेठी, बाराबंकी, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर और वाराणसी सहित कुल 23 जनपद शामिल किए जाएंगे।
प्रस्तावित राज्य बुन्देलखण्ड को लेकर जो दावे किये जा रहे है उसमे प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, झांसी, जालौन, ललितपुर, मिर्जापुर, संत रविदास नगर, सोनभद्र, कानपुर, कानपुर देहात, औरैया को मिलाकर कुल 17 जनपदों से मिलकर बुंदेलखंड राज्य बनाया जा सकता है।
दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के शेष भाग पूर्ववत रहेंगे, जिसकी राजधानी लखनऊ रहेगी. इसमें लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, बरेली, बदायू , बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, फर्रूखाबाद व कन्नौज को भी इसी में मिलाकर कुल 20 जनपदों के साथ उत्तर प्रदेश का अस्तित्व बना रहेगा।
अब इन दावों की सत्यता पर तो अभी कुछ नहीं कहा जा सकता ऐसे में इन खबरों को महज़ कोरी अफवाह ही कह सकते है। लेकिन ये खबर इन दिनों खूब वायरल हो रही है। ऐसे में सरकार को इन खबरों पर स्पस्टीकरण देना चाहिए ताकि इन खबरों पर विराम लग सके।
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