जमीयत के इजलास में इत्तेहाद पर ज़ोर


अमरोहा - जमीयत उलेमा हिन्द के सूबाई सदर मौलाना मतीन उल हक़ कासमी ने कहा कि कश्मीर हमारे मुल्क का हिस्सा था और रहेगा। हिंद के मुसलमान इस मसले पर भारत के साथ है। सरकार को भी चाहिये कि कश्मीर में अमन के लिये जरूरी कदम उठाये।


नगर के एक बैंक्वेट हाल में जमीयत उलेमा हिन्द के इजलास का आयोजन किया गया। जिसकी सदारत मुफ़्ती अब्दुर्रहमान कासमी व निज़ामत कारी मोहम्मद यामीन ने की।तिलावते कलामे पाक के बाद नात शरीफ का नज़राना पेश किया गया। मुफ़्ती मोहम्मद अफ्फान मंसूरपुरी ने एजेंडा पेश किया और मुल्क के हक़ में किये जा रहे कामों के बारे में विस्तार से बताया। मसजिद के रजिस्ट्रेशन, जमीयत यूथ क्लब व पौधरोपण अभियान पर चर्चा की। कहा कि मुल्क को इस वक़्त इत्तेहाद की ज़रूरत है। कश्मीर मुल्क का अटूट हिस्सा है। सरकार कश्मीरी अवाम के लिये जरूरी कदम उठाए और अमन बहाल करे। मौलाना मतीन उल हक कासमी ने  जमीयत के सदस्यता अभियान में हिस्सा लेने की अपील की। कहा कि जमीयत एक फिकरी और दस्तूरी जमात है। मास्टर ज़ाकिर हुसैन, मुफ़्ती अब्दुल गफूर, मुफ़्ती मोहम्मद मुंसिफ, हकीम सिराजुद्दीन हाशमी, मुफ़्ती मोहम्मद उस्मान, कारी वकीलुर्रह्मान,मौलाना शकील, मौलाना अरशद वगैरह मौजूद थे।


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