रामपुर- चुनाव आयोग ने रामपुर सहित प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर दी है। यहां आजम खां के सांसद बनने के बाद से शहर की सीट खाली है। कांग्रेस और बसपा ने तो अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैैं लेकिन, भाजपा और सपा अभी तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर सकी हैं। इस सीट पर पिछली चार दहाई से आजम खां चुनाव लड़ते आ रहे और नौ बार विधायक भी बने। सांसद बनने के कारण वह चुनाव तो नहीं लड़ रहे लेकिन, सुर्खियों में वह बने हुए है। अपने ऊपर दर्ज हुए ताबड़तोड़ 86 मुकदमो की वजह से। ऐसे में रामपुर सीट पर होने वाले चुनाव पर सब की नज़रे लगी हुई है।
9 बार के विधायक
रामपुर शहर विधानसभा सीट पर आजम खां लंबे समय तक विधायक रहे। उन्होंने 1977 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन, हार गए। इसके बाद 1980 में फिर चुनाव लड़े और जीत गए। इसके बाद 1996 के चुनाव को छोड़कर वह सभी चुनाव जीते। प्रदेश में जब भी सपा की सरकार बनी तब वह कई-कई विभागों के मंत्री रहे। इस बीच प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और राज्यसभा सदस्य भी चुने गए। इस बार वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और सांसद बन गए। पिछले ढाई माह से लगातार हो रहे मुकदमों के कारण वह मुसीबत में हैैं और रामपुर से बाहर हैैं।
इस दौरान वह केवल बकरीद पर रामपुर की जनता के बीच नजर आए। उनके करीबी नेता भी शहर छोड़े हुए हैैं क्योंकि, उनके खिलाफ भी तमाम मुकदमे दर्ज हो रहे हैैं। इन हालात में सपा की ओर से चुनाव की बागडोर कौन संभालेगा और प्रत्याशी कौन होगा, यह अभी तय नहीं है। भले ही आजम खुद चुनाव न लड़ें लेकिन, रामपुर में चुनावी दंगल दिलचस्प होगा। क्यों की रामपुर की यह सीट आज़म खान से ही जानी जाती है।
सपा और भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किये
उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अरशद अली खां गुड्डू और बहुजन समाज पार्टी ने जुबैर मसूद खां को प्रत्याशी घोषित कर दिया है, लेकिन, सपा और भाजपा उम्मीदवार घोषित नहीं कर सकी हैं। भाजपा ने तो प्रदेश की 11 सीटों जिन पर उपचुनाव हो रहा है किसी पर भी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है लेकिन सपा ने तो इन सीटों में से लगभग सभी पर प्रत्याशी उतार दिए है बस रामपुर सीट पर ही कशमकश जारी है। अब देखना यह है क़ि समाजवादी पार्टी किसे टिकट देती है आज़म खान के परिवार से या उनके किसी करीबी को या फिर कोई चौकाने वाला नाम सामने आता है।
भाजपा की तरफ से टिकट किसको मिलता है यह भी देखने वाली बात होगी। क्योकि लोकसभा चुनाव में हार मिलने के बावजूद जयाप्रदा भी मैदान में डटी हुई है। साथ ही भाजपा से किसी मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारे जाने की चर्चा है। भाजपा 50 फ़ीसद मुस्लिम आबादी वाली सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी उतार कर प्रयोग करना चाहती है। कहा जा रहा है कि 27 सितम्बर के बाद भाजपा प्रत्याशियों के नामो की घोषणा कर सकती है।
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