अप्रवासी भारतीयों के स्थान पर अब होगा प्रवासी भारतीय शब्द का प्रयोग

उत्तर प्रदेश सरकार ने अप्रवासी भारतीय शब्द को प्रवासी भारतीय शब्द के रूप में संशोधित कर दिया है। इसके साथ ही प्रवासी भारतीयों को उत्तर प्रदेश रत्न पुरस्कार के मार्गदर्शक सिद्धान्त को भी मंजूरी प्रदान कर दी गयी हैै।

 प्रवासी भारतीय विभाग के प्रमुख सचिव श्री राजेश कुमार सिंह द्वारा इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी की गयी है। अधिसूचना  के अनुसार उत्तर प्रदेश प्रवासी भारतीय रत्न पुरस्कार हेतु दस सदस्यीय चयन समिति का गठन किया गया है। जिसका स्वरूप इस प्रकार है। चयन समिति के अध्यक्ष प्रवासी भारतीय विभाग के मंत्री होंगे और समिति में प्रमुख सचिव प्रवासी भारतीय विभाग, उच्च शिक्षा, संस्कृति, इलेक्ट्रानिक्स, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पर्यटन, विदेश मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ओवरसीज़ आॅफ इण्डियन अफेयर्स डिवीज़न तथा विदेश मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कान्फ्रेंस डिवीजन से नामित अधिकारी को सदस्य बनाया गया है। प्रवासी भारतीय विभाग के सचिव अथवा विदेश सचिव को सदस्य-सचिव नामित किया गया हैै।

 अधिसूचना में कहा गया है कि चयन समिति उ0प्र0 प्रवासी भारतीय रत्न पुरस्कार से सम्बन्धित विधा के विशेषज्ञों से विचार विमर्श करेगी। चयन समिति की संस्तुतियों पर मा0 मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त किया जायेगा।

 चयन में गुणवत्ता के दृष्टिगत वास्तविक (जिन्यून) अभ्यर्थियों के नांमाकन अधिकाधिक संख्या में प्राप्त करने के लिए विदेश मंत्रालय भारत सरकार से भी सहयोग/डाटा प्राप्त किया जाएगा। चयन समिति द्वारा संस्तुत महानुभावों के सत्यापन कार्य में प्रमाणिकता हेतु केन्द्रीय विदेश मंत्रालय का भी सहयोग लिया जायेगा।

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