लखनऊ, - उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित प्रथम विस्तार बुधवार को होगा।
राजभवन के आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि योगी मंत्रिमंडल का विस्तार बुधवार को किया जाएगा। इसके लिए राजभवन में पूर्वान्ह्र 11 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा।
प्रदेश के कई मंत्रियों के हाल में हुए लोकसभा चुनाव में जीतने और मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बर्खास्त होने के बाद राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होने की अटकलें पिछले कई दिनों से लगाई जा रही थी।
यह योगी मंत्रिमंडल का पहला विस्तार होगा। योगी ने मार्च 2017 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मंत्रिमंडल विस्तार के तहत कुल कितने मंत्री शपथ लेंगे।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। अच्छा काम करने वाले मंत्रियों को प्रोन्नति मिल सकती है। वहीं, खराब प्रदर्शन वाले कुछ मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी भी हो सकती है।
प्रदेश मंत्रिमंडल में इस वक्त मुख्यमंत्री, दो उप मुख्यमंत्रियों, 18 अन्य कैबिनेट मंत्रियों, स्वतंत्र प्रभार के नौ राज्य मंत्रियों और 13 राज्य मंत्रियों समेत कुल 43 मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में अभी 18 और मंत्रियों की गुंजाइश है।
प्रदेश सरकार के तीन मंत्री एसपी सिंह बघेल आगरा लोकसभा सीट, रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद सीट और सत्यदेव पचौरी कानपुर सीट से सांसद चुने जा चुके हैं लिहाजा उनके पद खाली हो गए हैं।
वहीं भाजपा के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के बाद मंत्रिमंडल में एक जगह और बन गई है।
इसके अलावा परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उनके स्थान पर भी किसी और मंत्री को चुना जाना है। भाजपा की 'एक व्यक्ति, एक पद' की नीति की वजह से ऐसा होना लगभग निश्चित है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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