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योगी मंत्रिमंडल का हुआ पहला विस्तार 23 मंत्रियो ने ली शपथ


लखनऊ, - उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित प्रथम विस्तार हुआ जिसमे 23 मंत्रियो शपथ ली  6 मंत्रियो ने कैबिनेट मंत्री की शपथ  ली 6 मंत्रियो ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ  ली और 11 मंत्रियो ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। पहले कैबिनेट विस्तार 18 नए चेहरों को शामिल किया गया, जबकि पांच को प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इसमें चार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, जबकि एक राज्यमंत्री को प्रमोट कर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। कैबिनेट विस्तार जातिगत समीकरण भी साधने की पूरी कोशिश की गई है। योगी के 23 मंत्रियों में से छह ब्राह्मण, दो क्षत्रिय, दो  जाट, एक गुर्जर, तीन दलित, दो  कुर्मी, एक राजभर, एक  गडरिया, तीन वैश्य, एक शाक्य और एक मल्लाह हैं।


   


कैबिनेट मंत्री : राजभवन में डॉ. महेंद्र सिंह, सुरश राणा, भूपेंद्र सिंह चौधरी, अनिल राजभर, रान नरेश अग्निहोत्री और कमल रानी वरुण ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। 


 


राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) : नील कंठ तिवारी, कपिल देव अग्रवाल, सतीश द्विवेदी, अशोक कटारिया, श्रीराम चौहान और रवींद्र जायसवाल ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली है। 


 


राज्य मंत्री : अनिल शर्मा, महेश गुप्ता, आनंद स्वरूप शुक्ल, विजय कश्यप, डॉ. गिरिराज सिंह धर्मेश, लाखन सिंह राजपूत, नीलिमा कटियार, चौधरी उदयभान सिंह, चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, रमाशंकर सिंह पटेल और अजीत सिंह पाल ने शपथ ले ली है।


2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी 


   योगी मंत्रिमंडल विस्तार में 2022 के विधानसभा चुनाव की चिंता साफ दिख रही है। अपने पहले विस्तार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को भी साधने की पूरी कोशिश की है। जानकारों के अनुसार, अगले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह पूरा फेरबदल किया गया है। इस विस्तार में युवाओं को तवज्जो देने की पूरी कोशिश की गई है। 


प्रदेश के सभी क्षेत्रों को साधने की कोशिश


  योगी कैबिनेट ने अपने पहले विस्तार में प्रदेश के सभी क्षेत्रों की हिस्सेदारी देने की कोशिश की गई है। कैबिनेट विस्तार में पश्चिम यूपी के मुजफ्फरनगर से कपिलदेव अग्रवाल और चरथावल से विधायक विजय कश्यप, बुलंदशहर से अनिल शर्मा, आगरा कैंट से जीएस धर्मेश और फतेहपुर से विधायक चौधरी उदयभान सिंह, मैनपुरी से रामनरेश अग्निहोत्री को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इसी तरह बुंदेलखंड से स्वतंत्र देव के इस्तीफे के बाद चित्रकूट से विधायक चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। कानपुर मंडल से नीलिमा कटियार व कमल रानी वरुण को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। बस्ती मंडल से सतीश द्विवेदी और वाराणसी मंडल से रवीन्द्र जायसवाल को शामिल किया गया है।


शपथ से पहले पांच मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर


   वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल और भूतत्व एवं खनिकर्म राज्य मंत्री अर्चना पांडेय ने मंगलवार को अपना इस्तीफा सौंपा। धर्मपाल, अनुपमा और अर्चना को भाजपा मुख्यालय में प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने तलब किया था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने तो दो दिन पहले ही एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत के चलते परिवहन मंत्री पद से अपना त्यागपत्र भेज दिया था। मंगलवार देर रात पांचों मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर कर लिए गए। सांसद चुने जाने के बाद सत्यदेव पचौरी, प्रो. एसपी बघेल और प्रो. रीता बहुगुणा जोशी के इस्तीफे और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने से चार कैबिनेट मंत्री के पद पहले से ही रिक्त हैं।


कुछ लोगो का नाम मीडिया में तो खूब चला लेकिन हाथ लगी मायूसी 


    योगी कैबिनेट के विस्तार के चर्चा खूब रही पहले यह 19 अगस्त को होने वाला था फिर टल गया और आखिर कार आज हो ही गया लेकिन पिछले कई दिनों से कयासों को दौर जारी था जो आज थम गया।  जिन दो नामो पर मीडिया में खूब कयास लग रहे थे उनमे एक पंकज सिंह का और दूसरा बुक्कल नवाब का था दरासल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे और नोएडा के विधायक पंकज सिंह का नाम मंत्री मंडल विस्तार में खूब चला मीडिया में चल रही संभावित मंत्रियो की सभी लिस्टो में पंकज का नाम था लेकिन पंकज सिंह को मंत्री नहीं बनाया गया।  वही दूसरा नाम बुक्कल नवाब का भी मीडिया की लिस्टो में खूब उछला मीडिया में तो बुक्कल नवाब को कैबिनेट मंत्री बनाने की चर्चा थी लेकिन बुक्कल नवाब के हाथ भी मायूसी लगी। दरासल बुक्कल नवाब पिछले काफी दिनों से खूब मेहनत करते दिख रहे है हर मुद्दे पर बोलते तो है ही अब तो उन्होंने हनुमान चालीसा भी कंठस्त कर लिया है पिछले दिनों उन्होंने अपने अब्बा की बरसी पर फातेहा पड़ने की जगह हनुमान चालीसे का पाठ किया था वो भी बिना देखे लेकिन फिलहाल उनको मायूसी का सामना ही करना पड़ा। 


 


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